<b>दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग जफरुल इस्लाम खान हिन्दुओ पर विवादित बयान और विवादित किताबे </b> - VerifiedNewz.us

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Apr 30, 2020

दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग जफरुल इस्लाम खान हिन्दुओ पर विवादित बयान और विवादित किताबे

👉🏻 दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के प्रमुख ज़फरुल इस्लाम खान का हिन्दुओ पर विवादित बयान 👈🏻


 दिनांक 28 अप्रैल 2020 05:32PM, दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के प्रमुख जफरुल इस्लाम खान ने अपने ट्विट्टर अकाउंट से एक ट्वीट किया उसमे निचे दिया हुआ लिखा और उसके साथ एक निचे फोटो लगाई है !

English : "Thank you #Kuwait for standing with #IndianMuslims!  #Islamophobia  #Islamophobia_In_India
@kuna_en @kuwaittimesnews @OIC_OCI @Abdulmane @ZahraniAbidi @LadyVelvet_HFQ @DrAlshoreka @AHMAD_ALWAHIDAH @majedalenzi @JamalBahrain @arabtimeskuwait @gulf_news @arabnews

हिंदी : "भारत के मुसलमानों के साथ खड़े होने के लिए कुवैत को धन्यवाद #इस्लामोफोबिया #इस्लामोफोबिया_भारत_में "

 और इसकी जो फोटो लगाई गई उसमे लिखा गया
English : "Thank you kuwait for standing with the indian muslims! The hindutva bigots calculated that given the huge economic stakes invloved the muslim and arab would will not care about the persecution of muslims in india. the bigots forget that indian muslims enjoy huge goodwill in the eyes of the arab and muslim world for their services over centuries to islamic causes, excellence in islamic and arabic scholarship, cultural and civilisational gifts to world heritage. Names Like Shah Waliullah Dehlavi, Iqbal, Abul Hasan Nadwi, Wahiduddin Khan, Zakir Naik & Many Others are respected household names in the arab and muslim world. Mind you bigots, Indian muslims have opted until now not to complain to the arab and muslim world about your hate campaigns and lynching and riots. The day they are pushed to do that, bigots will face an avalanche."

हिंदी : " भारतीय मुसलमानों के साथ खड़े होने के लिए शुक्रिया कुवैत! कट्टर  हिंदुत्व के बड़े दिग्गजों ने गणना की कि विशाल आर्थिक दांवों ने मुस्लिमों को आकर्षित किया और अरब भारत में मुस्लिमों के उत्पीड़न की परवाह नहीं करेंगे। बड़े लोग भूल जाते हैं कि भारतीय मुसलमान अरब और मुस्लिम दुनिया की नज़रों में अपनी सद्भावनाओं का भरपूर आनंद लेते हैं, जो सदियों से इस्लामिक कारणों, इस्लामिक और अरबी विद्वानों की उत्कृष्टता, विश्व धरोहरों के लिए सांस्कृतिक और सभ्यतागत उपहारों में हैं। शाह वलीउल्लाह देहलवी, इकबाल, अबुल हसन नदवी, वाहिदुद्दीन खान, ज़ाकिर नाइक और कई अन्य लोगों के नाम अरब और मुस्लिम दुनिया में घरेलू नाम हैं। माइंड यू  हिंदुत्व, भारतीय मुस्लिमों ने अब तक अरबी और मुस्लिम दुनिया से आपके घृणा अभियानों और लिंचिंग और दंगों की शिकायत नहीं करने का विकल्प चुना है। जिस दिन उन्हें ऐसा करने के लिए धकेल दिया जाएगा, बड़े लोग हिमस्खलन का सामना करेंगे। "

 आएये जानने की कोशिश करते है ये ज़फरुल इस्लाम खान है कौन और क्या करते !

१- केजरीवाल सरकार के अल्प्शंख्यक मंत्रालय देखते है !

२- इसके साथ Milligazette के संस्थापक और संपादक भी है ! ये ऑनलाइन मुस्लिम न्यूज नेटवर्क चला रहे है ! इसमे भी shamsul Islam आर्टिकल लिखता है ! इसमे एक घड़े को कट्टरवाद से जोड़ने के लिए लिखा जाता है !
वेबसाइट : https://milligazette.com



३- Pharos Media Group के मालिक भी है ! इस कंपनी का काम है बुक्स छापना और विदेशो में बेचना ! एक कंपनी को दिल्ली सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है जैसे की इसकी वेबसाइट पर लिखा है ! इनकी कुछ किताबो के नाम :
(a) The Story Of a Dalit in the Rss- I Could Not Be Hindu ( आरएसएस में एक दलित की कहानी - मै हिंदू नहीं हो सकता )
(b) Godse's Children - Hindutva Terror in India (गोडसे के बच्चे - भारत में हिंदुत्व का आतंक)
(c) Jang-E-Azadi Aur Musalman (जंग-ए-आज़ादी और मसलमान)
(d) Brahminists Bombed, Muslims Hanged (ब्राह्मणवादियों ने बमबारी की, मुसलमानों ने फांसी लगाई)
(e) Sawarkar - Hindutva | mithak aur sach (सावरकर हिंदुत्व - मिथक और सच )
(f) Sanghi Atankwad (संघी आतंकवाद )
(g) Watan me Paraya - Hindustan ka Musalman (वतन से पराया - हिंदुस्तान का मुस्लमान)
(h) Know The RSS (आरएसएस को जाने)
(i) RSS : Marketing Fascism as Hindu Nationalism (आरएसएस : हिंदू राष्ट्रवाद के रूप में फ़ासीवाद का विपणन)
नोट :- ज्यादा तर किताबे शम्सुल इस्लाम लिखता है !
वेबसाइट : https://pharosmedia.com

४- ये zakatindia के अध्यक्ष भी है !
वेबसाइट : https://zakatindia.org

५- ये जनाब अलजजीरा और बीबीसी के लिए भी काम करते है !

 आप इनको सीधा समझाने की कोशिश ना करे आगे पड़ते जाये ! इन्हों ने जो टेग्स इस्तेमाल किये है वो अरब देशो की न्यूज मीडिया के है ! ये चाहते अरब देश के अखबार में रिपोर्ट छपे ! इससे देश की छवि खराब हो !

 अब जब अपने पढ़ लिया है तो आपको कुछ समाझ आया ! इन जनाब के जाकिर नायक हीरो है ! आम आदमी पार्टी (केजरीवाल सरकार) के मुस्लिम आयोग के प्रमुख हिन्दुवो को धमकी दे रहा है की अरब देशो को बता दिया तो बर्बाद हो जाओगे ! केजरीवाल सरकार ने ना तो इन्हे बर्खास्त किया ना आपत्ति जताई ! जब ऐसे लोग बड़े पदो पर बैठेंगे तो सोचो क्या होगा ! दिल्ली में दंगा इनकी सरकार में हुआ, इनके सरकार के लोग फशे हुवे है जैसे ताहिर हुसैन और ये उल्टा दंगे की हरकत हिन्दुवो पर फोड़ रहे !

 ज़ाकिर नायक के खिलाफ भारत ने इंटरपोल की मदद से रेड कॉर्नर नोटिस जरी करवाया था जो मलेशिया भाग गया था ! उसके ऊपर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA Act) के तहत केस दर्ज है ! वो इनके लिए हीरो है! सोचिये जरा हिन्दुओ के लिए मुसलमानों में कैसी सोच है !

 खान ने उस घृणित पोस्ट को एक व्यक्ति के रूप में नहीं बल्कि दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष के रूप में बनाया था। न केवल ट्विटर अकाउंट में उनकी आधिकारिक स्थिति का उल्लेख है, बल्कि उन्होंने अपने पद को दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष के रूप में घोषित करते हुए हस्ताक्षर किए हैं

 दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के प्रमुख के रूप में, खान एक वैधानिक अर्ध-न्यायिक पद रखते हैं - अपनी आधिकारिक क्षमता में उनके पास एक मुकदमा चलाने की दीवानी अदालत की शक्तियां हैं। वह किसी भी व्यक्ति की उपस्थिति को समन और लागू कर सकता है और शपथ पर उसकी जांच कर सकता है, किसी भी दस्तावेज की खोज और उत्पादन की आवश्यकता हो सकती है, शपथपत्र पर साक्ष्य प्राप्त कर सकता है, किसी भी सार्वजनिक या संस्थागत रिकॉर्ड की आवश्यकता हो सकती है, या सरकार के किसी भी कार्यालय या संस्थान से इसकी प्रतिलिपि बना सकता है

 चौथा, उसका वेतन, आधिकारिक कार और अन्य भत्ते, सचिव स्तर के आईएएस अधिकारी के बराबर करदाताओं के पैसे से भुगतान किए जाते हैं।

 पांचवां, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष दिल्ली सरकार द्वारा अर्ध-न्यायिक निकाय का नेतृत्व करने के लिए नामित है।

 खान ने 20 जुलाई, 2017 को दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष का पद ग्रहण किया। दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग (DMC) अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, उनका कार्यकाल उनके पदभार ग्रहण करने की तिथि से तीन वर्ष का है। इस प्रकार, उनके पास वर्तमान कार्यालय में जाने के लिए एक और तीन महीने हैं। वह लंबे समय तक अखिल भारतीय मुस्लिम मजलिस-ए-मुशावरत के प्रमुख रहे, जो भारतीय मुस्लिम संगठनों की एक छतरी संस्था थी। आयोग की वेबसाइट पर उनका बायो दावा करता है, "डॉ। खान अक्सर उपमहाद्वीप और मुस्लिम विश्व से संबंधित मुद्दों पर शीर्ष भारतीय और विदेशी टेलीविजन चैनलों पर दिखाई देते हैं"।

 चूंकि केजरीवाल और आम आदमी पार्टी ने खान के विवादास्पद संदेश पर प्रतिक्रिया नहीं दी है ! खान की बर्खास्तगी AAP के मुस्लिम समर्थन आधार के वर्गों का विरोध कर सकती है। इसलिए ये मना जाये अरविन्द केजरीवाल ऐसे लोगो को सपोर्ट करते है !

 भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा "भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए विदेशी देशों को आमंत्रित करने और उनकी टिप्पणियों पर दिल्ली सरकार के रुख पर सवाल उठाने के लिए जफरुल इस्लाम खान पर निशाना साधा है।"

 दिनांक ३० अप्रैल २०२०, दूसरे दिन मामला बढते देख खान मीडिया के सामने आये और कहा वही लाइन जो बचने के लिए कही जाती की पोस्ट को तोड़ मरोड़ कर पेश ! निचे दिया सच्चाई क्या बोला बिना तोड़े मरोडे !

" जहां तक उनकी जानकारी है, किसी भी भारतीय मुसलमान ने देश के बाहर किसी भी फोरम पर अपने देश के खिलाफ कभी कोई शिकायत नहीं की है, 'मैं कानून में पूरी तरह विश्वास करता हूं, और संविधान में मेरी पूरी आस्था है'। 'मैं एक सच्चा देशभक्त हूं और कभी वैश्विक मंच पर अपने मुल्क की छवि को धूमिल करने का प्रयास नहीं किया, बल्कि मजबूती से इसका पक्ष रखा। "




Source :
English Version खान का हिन्दुओ पर विवादित बयान
English Version दूसरे दिन का बयान

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