Up Minister Hits Back To 104 Ex-IAS Officers.
104 पूर्व अफसरों का पत्र
दिनांक 29 दिसंबर 2020 में यूपी के 104 पूर्व नौकरशाहों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख कर “उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध कानून 2020” कानून पर आपत्ति जताई जिसमे उत्तरप्रदेश को नफरत की राजनीति का केंद्र करार दे दिया है ! इसके साथ यह कानून अल्पसंख्यकों के खिलाफ साज़िश बताने में लगे है ! इन्होंने ने ‘लव जिहाद’ का नाम को "राईट विंग विचारधारा" रखने वालो घोषित किया है जिसमे मुस्लिम पुरुष हिंदू महिलाओ को बहलाकर शादी करने और उनपर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने को मनगढ़ंत कहानी बताकर एक अत्याचार बताया है ! इसके साथ इन्होंने मुख्यमंत्री और उनके अधिकारियो को संविधान पढ़ने की सलाह भी दे डाली !
यूपी मिनिस्टर का पलटवार
योगी सरकार के एक मंत्री “आरपी सिंह” ने एएनआई को दिये इंटरव्यू में उन पूर्व अफसरों पर पटलवार करते हुए बताया कि उन अफसरों ने गलत तरीके से संपत्ति अर्जित की है और जब इन्हे इसे खोने का डर लग रहा है ! इसलिए वो लोग एसी हरकतें कर रहे है ! उन्होंने आगे कहा कि पत्र लिखने वाले अधिकारी डरते है कि अगर योगी मुख्यमंत्री बने रहते है तो उनकी संपत्ति की जांच होगी और वो इस बात से परेशान और पत्र लिख रहे है !
मामला क्या है ?
आपको बता दें कि योगी सरकार झूठ बोलकर, झांसा देकर, चल-प्रपंच कर धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए धर्मातरण अध्यादेश लाई है ! इस अध्यादेश के बाद जैसे अफ़वाह फैलाई जा रही कि दो धर्म शादी पर रोक लगाई जा रही या मनगढ़ंत कहानी बताने की कोशिश कर रहे जो एक झूठ के सिवा कुछ नहीं ! इस अध्यादेश में ‘लव जिहाद’ जैसे कोई शब्द ही नहीं है ! दो अलग धर्म में आपसी मंजूरी से शादी करने की इजाज़त है बस इसमे जोड़े को अपने जिला मजिस्ट्रेट के सामने एक महीने पहले पेश होना अनिवार्य है ! इसमे मर्ज़ी से शादी के लिए रोका नहीं गया है जबकि कुछ लोगो द्वारा आर्टिकल 21 (जो जोड़े को मर्ज़ी से शादी का अधिकार देता है) का उल्लंघन बताया जा रहा है ! दिनांक 30 Oct 2020 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि सिर्फ शादी के लिए धर्मपरिवर्तन स्वीकार्य नहीं है ! दिनांक 11 Dec 2020 को लखनऊ के वकील “सौरभ कुमार” ने यूपी सरकार के इस नए क़ानूनों को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी है ! [1] “राईट विंग विचारधारा” का मुख्य नीतियों से एक “रास्ट्रवाद” है जो लेफ्ट विंग (उर्फ वामपंथी) विचारधारा में कोई लेना देना नहीं है ! पिछले कुछ समय ही में उत्तरप्रदेश सहित कई राज्यों में सैकड़ों धर्म परिवर्तन के लिए शादी की घटना सामने आई !
संदर्भ