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Apr 25, 2020

सोनिया गाँधी और अर्नब गोस्वामी का मुद्दा : क्या सच क्या झूट

👉🏻 सोनिया और अर्नब का क्या प्रोब्लम है 👈🏻

➡ अर्नब गोस्वामी एक भारतीय प्रत्रकार, टेलीविजन समाचार के एंकर के साथ साथ रिपब्लिक भारत के संपादक और मालिक भी है ! वह न्यूज ब्रोडकास्टिंग एसोसिअसन के गवर्निंग बोर्ड के अध्यश भी है ! इनका काम है न्यूज को  टीवी पर चलाना और अपने नजरियों के हिसाब से चलाना !

 सोनिया गाँधी का विवाह राजीव गाँधी से करने के १७ साल बाद उनको भारत की नागरिकता ली थी और नागरिकता लेते समय उन्होंने जो सिग्नेचर किए थे वह सोनिया गांधी के नाम से सिग्नेचर नहीं किया था बल्कि एंटोनियो माइनो गांधी के नाम से सिग्नेचर किया था !


 अब बात करते है मुद्दे की पहले तो आपको खुद से सवाल पूछना होगा की एनडीटीवी जैसे और भी न्यूज चैनल मोदी जी को क्या क्या बोलते है ! उसको लेके मोदी जी ने एक्शन नहीं लिया क्युकी उनको अपनी राय झूट सब रखने का हक है ! उन्हों ने कभी उनको जेल केस वागेहरह में नहीं फसाया !

 दिनांक २२ अप्रैल २०२० शाम को अर्नब ने एक न्यूज टेलेकास्ट किया उसका सवाल था "क्या एंटोनिया मैनो क्रिस्टियन पैडरे मारे जाने पर चुप रही होंगी ?" ! इस सवाल साधुओ की पालघर में सयोजित तरीके से हत्या २०० लोगो द्वारा वो भी लाकडाउन ने !

 उसी समय अर्नब ने कहा "मैं देश से पूछना चाहता हूं कि क्या मौलवी या ईसाई पादरियों को हिंदू संत होने का निशाना बनाया जाता तो देश चुप रहता? क्या इटली की एंटोनिया मैनो (सोनिया गांधी) चुप रह जाएगी? मैं आपको बताना चाहूंगा, अगर पीड़ित ईसाई पादरी थे, तो सोनिया गांधी, जो रोम से आई थीं, इस मुद्दे पर करीबी नहीं रहीं, ” !

➡ उसमे उन्हों ने एक चीज और कही "मैं तुम्हें बता रहा हूँ। वह इटली में एक रिपोर्ट तैयार करती है और भेजती है जिसमें वह बताती है कि उसने एक राज्य में सरकार बनाई थी, और वह वहां हिंदू संतों को मार रही है। और वहां (इटली) से उन्हें वाहवाही मिलेगी, " !

 उधर दूसरी तरफ वहां के लोगो का कहना है "यह गांव आदिवासियों का वर्चस्व है और इसमे से अधिकांश इसाई जबकि कुछ मुस्लिम है" ! वही और कुछ लोगो का कहना है आदिवासियों के डर से पुलिस वालो ने साधुवो को भीड़ के हवाले कर दिया जिन्हों ने शाधुओ को बाद में पिट पिट कर मार डाला !

 दिनांक २२ अप्रैल २०२० रात में अर्नब गोस्वामी अपनी बीवी के साथ घर जाते वक्त, यूथ कांग्रेस के वर्कर प्रतीक मिश्रा और अरुण बोरदो नाम के लोगो ने अर्नब के ऊपर हमला किया जिसके गणेश यादव (अध्यक्ष, मुंबई यूथ कांग्रेस) से संबंध थे !

 उसी दिन रात में, कांग्रेस में अपने सभी राज्य में सैकड़ो FIR दर्ज करवाई धारा IPC 153A, 153B, 295A, 504, 505 महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान, पुंजाब, असाम और भी एक ही समय में कांग्रेस के नेताओ द्वारा ! और दिनांक २३ अप्रैल, सुबह तीन बजे अलका लंबा ने ट्वीट किया और लिखा "युवा कांग्रेस जिंदाबाद" !

➡ दिनांक २३ अप्रैल २०२०, पुलिस ने FIR के बुनियाद पर २ यूथ कांग्रेस को उठाया जिसका नाम आपको  ऊपर बता दिया है !

 दिनांक २४ अप्रैल २०२०, को सुप्रीम कोर्ट ने आर्नाब और मुंबई पुलिस को कहा "आगे की सुनवाई ३ हफ्ते बाद होगी और मुंबई पुलिस को बोला अर्नब को सिक्यूरिटी दी जाये !"

 सवाल है जिसके जवाब आप खुद सोचने चाहिए !
१: सोनिया राहुल प्रियंका ने पालगढ़ में हिन्दुओ की हत्या पर किसी तरह का स्टेटमेंट नहीं दिया क्यों ???
२: सोनिया गाँधी का असल में नाम एंटोनियो मैनो गाँधी लिखवाया गया है नागरिकता प्रामाणपत्र में जब लिखा था तो क्यों और क्या परेशानी थी ?? सोनिया मैनो ने प्रधान मंत्री को भी मौत का सौदागर बोला था जो कितना गिरा हुआ सब्द था !
३: जब सुप्रीम कोर्ट ने तीन हफ्ते का समय दिया तो क्यों मुंबई पुलिस ने १२ घंटे बैठाले रखा ?? वहीँ उन दोनों हमलावरों की १२ घंटे करो अपने आप उगल देंगे !!
४: क्या कांग्रेस चाहती है उनके खिलाफ बोलने वालो को डराना चाहती है ???
५: क्या कांग्रेस को अर्नब के च्रिस्चियन नाम लेने में दर्द हुआ ???

Source :
English Version मुंबई पुलिस अरेस्ट दो यूथ कांग्रेस के आदमी को
English Version सुप्रीम कोर्ट ने तीन हफ्ते के लिए समय दिया
English Version अर्नब के द्वारा टीवी पर पालघर के मुद्दे को उठाना
English Version कांग्रेस ने सभी नेताओ को भेजा एफआईआर करवाने

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