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May 6, 2020

फर्जी न्यूज फ़ैलाने वालो का गिरोह क्युकी मोदी सरकार को बदनाम करने और उनके काम छुपाना !

कांग्रेस, वामपंथी और च्रिस्तियन के झूठे पत्रकार का भांडा फोड़ पीपीई किट, मास्कअ और वेंटिलेटर पर


➨ पहले आपको बताते है की कैसे और कौन देश के खिलाफ न्यूज कहाँ कहाँ लिख रहा पूरा जरूर पढ़े ! फिर आखरी में में बताऊंगा कौन कौन है ये क्यों ऐसा करते है ! और अपने देश में विदेशी पैसो के जरिये ये सब कौन करता है !

विदेशी न्यूज
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Vidya Krishnan (Photo Credit:Twitter)
 दिनांक 22 Mar 2020, कारवांमेग्जिन द्वारा फर्जी खराब जिसकी लेखक एक विद्या कृष्णन जो गोवा की रहने वाली है ! ये अपने ट्विट्टर प्रोफाइल में बता रही की ये चार न्यूज कंपनी के लिए लिखती है दा हिंदू, दा कारवांइंडिया, दा अटलांटिक  और एलए टाइम ! जिसका शीर्षक निचे दिया है ! उसके आगे लिखती है "विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए निजी सुरक्षा उपकरणों की आपूर्ति में व्यवधान के बारे में दिशा-निर्देश जारी करने के तीन सप्ताह बाद तक भारत सरकार ने इसके निर्यात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया। रफीक मकबूल / एपी फोटो" ! इनका कहना सरकार को Stockpile क्यों नहीं किया इसका मतलब होता है जमाखोरी क्यों नहीं की ! एन लोगो का धंधा बनता जा रहा देश के खिलाफ लिखने  का और पैसा बटोरने का !

English : "India did not stockpile COVID protective equipment for health workers despite clear WHO guidelines"
हिंदी "भारत ने WHO के स्पष्ट दिशानिर्देशों के बावजूद स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए COVID सुरक्षात्मक उपकरणों का जमाखोरी नहीं किया"
इनके कुछ और लेख जरूर पड़े जिससे आपको समझने में आसानी होगी !
दिन 02 May 2020 = "मोदी सरकार ने कोविद के लिए अल्पसंख्यक को निशाना बनाते हुवे एचईवी महामारी की पुरानी गलतियों को दोहराया "
दिन 07 Apr 2020 = "नितिगत धुंध में फसकर मोदी सरकार कोविद सम्बंधित दवा का निर्यंत प्रतिबंद वापस लिया "
दिन 06 Apr 2020 = "कोविद प्रेस ब्रीफिंग में मीडिया पर केंद्र का प्रतिबंद, तबलीगी जमात पर ध्यान केंद्रित किया "
Source : Click Here 

Deeraj Mishra (Photo Credit : The Wire)

 दिनांक 25 Mar 2020, दा वायर द्वारा एक फर्जी न्यूज जिसके लेखक है धीरज मिश्रा ! लेख में शीर्षक निचे लिखा है फिर आगे लिखा "डब्ल्यूएचओ के दिशा-निर्देशों के बावजूद 27 फरवरी को सभी देशों को पर्याप्त रूप से भंडार चिकित्सा उपकरणों की सलाह देने के बावजूद, भारत से मास्क और दस्ताने जैसे सुरक्षात्मक गियर का निर्यात जारी रहा।"
English : "Doctors Are Running Out of Protective Gear. Why Didn't the Govt Stop Exports in Time ?"
हिंदी : " डॉक्टर प्रोटेक्टिव गियर से बाहर निकल रहे हैं। सरकार ने समय में निर्यात क्यों नहीं रोका? "
Source : Click Here 





Reuter Newpaper (Photo Credit : IndiaToday)
 दिनांक 27 Mar 2020, इंडियाटुडे द्वारा एक फर्जी खराब जिसकी लेखक रूटर्स है इन्हों ने लिखा की
English : "Coronavirus: In race to defend India's health workers, makers of protective gear rue wasted time"
हिंदी :  "कोरोनावायरस: भारत के स्वास्थ्य कर्मचारियों की रक्षा करने की दौड़ में, सुरक्षात्मक गियर के निर्माताओं ने समय बर्बाद किया"
Source : Click Here 






Namita Kohli (Photo Credit : Twitter)
 वही दिनांक 28 Mar 2020, दा वीक की एक लेखक नमिता कोहली द्वारा लिखा एक लेख जिसमे बताया गया की सरकार सरकार कैसे अपनी कोशिश में लगी है की सुरक्षा उपकरण पुरे किये जाये ! उसके आगे लिखती है "सरकार ने माना कि कोरोनावायरस प्रसार के मद्देनजर पीपीई की कमी है " और तो और एक पाराग्राफ में लिखा की "केंद्र सरकार ने विदेश मंत्रालय के माध्यम से कई देशों से 10 लाख व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) खरीदने की कोशिश की है, सरकारी अधिकारियों ने WEEK को बताया।" वही इनके लेख की लिस्ट को देखा जाये तो खुद पता चल जायेगा ये अरविन्द केजरीवाल को बहुत अच्छे से प्रस्तुत करती है !
English : "Centre trying to procure 10 lakh personal protective equipment via MEA "
हिंदी : "केंद्र विदेश मंत्रालय की मदद से 10 लाख व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण खरिदने की कोशिश कर रही है ! "
Source : Click Here 



Arun Dev (Photo Credit: Linkdin)
 दिनांक 31 Mar 2020, अलजजीरा के एक लेखक अतुल देव द्वारा एक लेख लिखा जिसमे बताया की भारत में पीपीई किट की बहुत कमी है भारत के स्वास्थ कर्मियों में है दहशत ! ये जनाब पहली बार अलजजीरा के लिए लिखते है वो भी भारत के खिलाफ  विदेशी मिडिया में बिना सच जाने ! आगे लिखते है "भारत भर में स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों के बीच एक अलार्म की भावना है क्योंकि देश कई कोरोनोवायरस मामलों की सुनामी का इंतजार करेगा।" !
English : "COVID-19: 'Panic' among India health workers over PPE shortages"
हिंदी : "COVID-19: PPE की कमी को लेकर भारत के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं में 'दहशत' "





 दिनांक 03 Apr 2020, लाइवमिंट के नामित चौकशी और अक्षय शाह द्वारा लिखा गया लेख जिसमे बताया गया ! उसमे ऐसा बताया जा रहा जैसे चाइना के मास्क और पीपीई किट बहुत बढिया और तेज भेजने वाला देश है इन्हे अपने देश की कंपनी के ऊपर विश्व नहीं ! ये चाइना के खासियत बता रहे की चाइना ऐसा चाइना वैसा लेकिन ये नहीं बता रहे उसी चाइना द्वारा भेजी गई किट्स को डीआरडीओ द्वारा रिजेक्ट किया गया था ! क्या चाइना से पैसे पाते है ??
English : "Opinion | China’s 36-day ride from mask deficiency to a surplus "
हिंदी : "राय | चीन की 36 दिन की सवारी में मास्क की कमी से लेकर सरप्लस तक"
Source : Click Here 


Vikash Pandey (Photo Credit: Twitter)
 दिनांक 13 Arp 2020, बीबीसी न्यूज द्वारा फर्जी खराब लेख लिखे जा रही जिसको लिखने वाला विकाश पाण्डेय, दिल्ली का है जिसका शीर्षक था निचे लिखा ! उसके आगे लिखते है "भारत, दुनिया के अधिकांश हिस्सों की तरह, कोरोनोवायरस के प्रसार को रोकने के लिए लड़ने वाली अपनी चिकित्सा टीमों की सुरक्षा के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) खरीदने के लिए समय की दौड़ में है।" और आगे लिखा " कुछ मामलों में, डॉक्टरों को रेनकोट और मोटरबाइक हेलमेट का उपयोग करने के लिए मजबूर किया गया था ! ".
English : " Coronavirus: India's race against time to save doctors "
हिंदी : " कोरोनावायरस: डॉक्टरों को बचाने के लिए समय के खिलाफ भारत की दौड़ "
Source : Click Here 


Aarefa Johari (Photo Credit : Memri)
 दिनांक 21 Apr 2020, स्क्रोल न्यूज द्वारा फर्जी खबर जिसको लिखने वाली एक मुस्लिम महिला है जिसका नाम आरेफा जोहरी, मुंबई की है जिनका शीर्षक था निचे लिखा ! उसने आगे लिखती है "3 अप्रैल को ली गई इस तस्वीर में, मेडिकल स्टाफ ने पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की, क्योंकि उन्होंने अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल में एक प्रदर्शन के दौरान पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) और कोरोनावायरस टेस्टिंग किट की मांग की थी। " !
English : "Coronavirus delays: Why India’s health workers are still facing shortages of safety gear"
हिंदी : "कोरोनावायरस देरी: भारत के स्वास्थ्य कार्यकर्ता अभी भी सुरक्षा गियर की कमी का सामना कर रहे हैं"
Source : Click Here 




या इनको पता नहीं या ये विश्व से छुपाना चाहते
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 विकाश पाण्डेय बीबीसी में लेखक जो बताने की दुनिया के सामने कोशिश कर रहे की भारत के पास पीपीई किट, मास्क, वेंटिलेटर, दवाई नहीं है और वो कहना चाहते है भारत अपने डॉक्टर्स को नहीं बचा पा रहा ! और तो लिखता और पीपीई किट की जरुरत है भारत को !
 आरेफा जोहरी स्क्रोल में लेखक जो बताने की दुनिया के सामने कोशिश कर रहे की भारत के पास अपने सुरक्षा कर्मियों के लिए सुरक्षा किट्स, मास्क बहुत कमी है !
 विद्या कृष्णन दा कारवां में लेखक जो दुनिया को बताने की कोशिश कर रही की WHO के निर्देश के बावजूत मोदी सरकार ने सुरक्षा उपकरण का  जमाखोरी नहीं किया ! लेकिन साहिबा फोटो के निचे खुद लिखती है भारत सरकार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशा निर्देश के बाद तुरंत निर्यात पर पूरी तरह से तीन सफ्ताह के लिए रोक लगा दी थी ! क्या ये खुद झूट में फस रही ! स्टॉकपाएल क्यों नहीं किया इसका मतलब सरकार को जमाखोरी करनी चाहिए थी शब्दों से खेलकर ये लोग जनता को चुtiया बना रही ! आपको याद होगा कुछ समय पहले #MeToo गेंग आया था उस गेंग की मेम्बर ये साहिबा भी थी !
Source : Click Here

 धीरज मिश्रा एक तरफ लिखते है सरकार क्यों एक्सपोर्ट नहीं रोक रही लेकिन उसी आर्टिकल में निचे लिखते है सरकार ने निर्यात की अनुमति दी ! दो मुहा शांप की मत सुनिए ! पैसे के लिए लोग बहुत कुछ करने को तैयार ! अरफा खानम की न्यूज अभी कुछ दिन एहले दी थी फर्जी रिपोर्ट !

 नमिता कोहली लिखती है "सरकार ने माना की उपकरण की कमी है और तो और उनको बहुत देशो से खरीदने की कोशिश की है" ! फिर से लिखता हू "बहुत देशो से खरीदने की कोशिश की है" ! वो भी जब पूरी दुनिया अपना अपना देश बंद करके बैठे थे  सिर्फ चाइना को छोड किसी भी देश में स्टॉक नहीं था तो कैसे सरकार बहुत देशो से ख़रीद रही थी जो सरकार के अधिकारियो को नहीं पता eन जैसे रिपोर्टर्स को पता है ???

 अतुल देव लिखते है "भारत में पीपीई की बहुत कमी है इससे डॉक्टर में देह्सत है ! देश कोरोनाममले की सुनामी का इंतेजार करेगा" ! ये जनाब रयूटेर्स, हुफ्फ़पोस्ट, अलजजीरा, दा अटलांटिक, रोटरी इंटरनेसनल, दा कारवां और कोड स्टोरी के लिए लिखते है ! वहा भैया वह पैसे के लिए विदेशी मीडिया के हाथो में बिक गए ! 1.5-1.5 लाख रुपये मिलते है 1000 शब्दों का एक आर्टिकल लिखने में और तो और 1500 सब्दो का तीन लाख रुपये मिलते है !

 लाइवमिंट के नामित चौकसी और अक्षय शाह बोल रहे थे 36 दिन में चाइना मास्क की कमी से हट कर अतिरिक्त हो गए ! अरे भाई चाइना ने 36 दिन लिए मास्क बनाने में ना और भारत ने २० दिन में पूरा वेंटिलेटर बनाके दिखा दिया !



सबूत मीडिया फैलाये जा रहे उसका पूरी न्यूज और सबूत
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 23 mar 2020, को कपडा मंत्रालय ने एक प्रेस रिलीज कहा की " यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मीडिया के कुछ वर्ग बॉडी कवरल्स, N95 मास्क और 2-प्लाई / 3-प्लाई / 3-प्लाई सर्जिकल मास्क की आपूर्ति बढ़ाने में सरकार के प्रयासों पर गलत सूचना फैला रहे हैं, जो COVID-19 मामलों से निपटने वाले स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए आवश्यक हैं। "  Source : Click Here
 24 Mar 2020, जैसी ही सरकार ने कोरोना के बढते संकट को देखते हुवे सरकार ने निर्यात पर प्रतिबंद कर दिया और तो और सुरक्षा उपकरण बनाने वाली भारतीय कंपनी और भारत के अंदर बनाने वाली कंपनी दूंधने लगी !  Source : Click Here
 27 Mar 2020, एक सरकारी अधिकारी ने बताया की मध्य प्रदेश में प्रति दिन 12000 पीपीई किट का निर्माण करने लगे है ! ये सिर्फ एक जगह का है मध्य प्रदेश का !  Source : Click Here
 30 Mar 2020, मोदी सरकार ने तुरंत इन सभी 15 भारतीय कंपनी को 21 लाख पीपीई किट बनाने का ठेका दे दिया गया ! जिसमे कुछ कंपनी का नाम है अरविन्द मिल्स, जेसीटी मिल्स, अमर सेफ्टी, स्यूर सेफ्टी, साईं सिनर्जी, श्री हे़ल्थकेयर !  Source : Click Here
 30 Mar 2020, मोदी सरकार के आदेश पर डीआरडीओ द्वारा 50000 प्रति दिन N95 मास्क को बनाना चालू कर दिया और अगले हफ्ते तक एक लाख करने की !  Source : Click Here
 02 Apr 2020, अमेरिका द्वारा भारतीय इंजिनियर के द्वारा बनाये गए सस्ते वेंटिलेटर में खुशी जहीर की ! न्यूज डेक्केन हेराल्ड में खुद प्रकाशित की !  Source : Click Here
 10 Apr 2020, कानपुर की आईआईटी ने 100 रु में पीपीई किट बना दी ! जिसकी ऍमआरपी 10000 रु होती थी ! भारत का जलवा देखो उन मीडिया के ऊपर भरोसा मत करे को चाइना को हीरो दिखाते रहते है और भारत में मोदी सरकार के खिलाफ बोलते है !  Source : Click Here
 13 Apr 2020, नॉएडा की कंपनी नॉएडा गारमेंट ने 50000 पीपीई किट हर दिन बना रही है ! पहले ऍमपी और अब यूपी ऐसे बहुत है !  Source : Click Here 
 16 Apr 2020, मेरठ की कंपनी हंस इंजीनियरिंग द्वारा बनाये जा रहे 150000 पीपीई किट ! ऐआईआईऍम दिल्ली द्वारा इस कंपनी को १.५ लाख किट का आर्डर दिया गया !  Source : Click Here
 01 May 2020, न्यूज 18 में प्रकाशित न्यूज में साफ़ साफ़ लिखा है की भारत अभी तक पीपीई किट विदेशों पर निर्भर था लेकिन एक महीने में मोदी सरकार ने ऐसा क्या किया जो पूरी तरह आत्मनिर्भर हो गए ! और तो और 111 इस तरह की उपकरण बनाने वाली कंपनी बन गई है ! 7000 करोड़ की कंपनी खड़ी हो गई वो भी एक महीने में चाइना के बाद विश्व में दूसरे नंबर पर है भारत का जो जीरो था पहले ! न्यूज वाले टीवी पर नहीं बताएँगे क्यों हवाला का पैसा कहाँ से मिलेगा ! आप सोच रहे होंगे इतना आसान था नहीं जो टेप लगाया जाता उसकी मशीन नहीं थी उसकी जगह हॉटएयर मशीन तक इस्तेमाल की गई ! लेकिन अब तक भारत उसकी मशीन भी बना ली है ! क्या मोदी ने नहीं किया ! ये जब है जब हाथो से बन रहे अगर ऑटोमेटिक मशीन से बना रहे होते तो चाइना भी नहीं छु पता !  Source : Click Here
 03 May 2020, डेक्केन हेराल्ड जो खुद बोला की 21 Mar को भारत में 19398 वेंटिलेटर थे और इतने 60884 वेंटिलेटर का और आर्डर दिया गया सरकार के द्वरा जिसमे से 59884 वेंटिलेटर भारत की घरेलु कंपनी बनायेंगी ! जो देश पहले एक भी मास्क, किट और  वेंटिलेटर नहीं बनाता था वो जीरो से 60000 वेंटिलेटर बनाने लगा ! ऐसी में ये भी बताया गया की 2 लाख किट और मास्क हर दिन भारत की कंपनी सुप्लाई करने लगी वो भी जो कुछ नहीं बनाती थी एक भी ! उसके निचे ये भी लिखा हम जिस सेक्टर में इम्पोर्ट पर निर्भर थे आज खुद की कंपनी पर निर्भर है ! नो चाइना  Source : Click Here
 चाइना से आई रेपिड एक्शन किट 600 रु में मिलती है उसमे 7 इन्तेजेंट्स लगते है लेकिन भारत बना रहा 200 रु में डीआरडीओ ने ये बाहर से टेक्नोलॉजी बाहर से खरीद कर उसमे 9 इन्तेजेंट्स करके उसको विस्व की सबसे उन्दा किट बना रही ! 9 तरह से टेस्ट होंगे विदेश में 7 तरह के टेस्ट होते है !  हिद्रोसीक्लोरोकुइन और सैनेताज़र भी विदेशो में भेजे जा रहे वो भी एक महीने में ! अब आपको समझना होगा Ease of Doing Business 100 रेंक शुधारने का मतलब समाझ आया !  Source : Click Here 

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