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May 8, 2020

महाराष्ट्र की त्रिकोणी सरकार निजी डॉक्टर को समझाने में नाकाम

उद्धव सोनिया शरद सरकार नाकाम कोरोना से लड़ने में दे रही धमकी 

Representation Image ( Photo Credit : Millenniumpost )

 दिनांक May 02 2020, शनिवार को महाराष्ट्र की त्रिकोणी सरका ने राज्य के नए दिशा निर्देश जारी किये थे जिसमे कहा गया "नए दिशा निर्देश May 17 तक लागु रहेंगे  ! "
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 दिनांक May 05 2020, डॉक्टर टीपी लहाणे, निदेशक चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान द्वारा एक आदेश महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल द्वारा को मुंबई के सभी निजी डॉक्टरों के लिए पारित किया गया था ! राज्य प्रशासन ने आदेश पारित करने के लिए महामारी रोग अधिनियम, आपदा प्रबंधन अधिनियम और महाराष्ट्र अनिवार्य सेवा अधिनियम लागू किया है जिसमे कहा गया था की "कोरोना रोगियों के इलाज के लिए आपकी विशेषज्ञ सेवा अवश्यक है, कम से कम 15 दिनों के लिए और 55 साल (जिनको मधुमेह, उच्च रक्तचाप या अन्य बीमारियाँ ना हो) से कम वालो के लिए है और अपनी इच्छा से जगह पसंद करके अवगत कराएँगे जहाँ आप अपनी सेवा देना चाहते है ! "
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 दिनांक May 06 2020, केंद्रीय स्वास्थ मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने बताया की "महाराष्ट्र में 36 में से 34 जिले कोरोना से प्रभावित है ! " उसके बाद हर्वर्धन ने राज्य के स्वास्थ मंत्री राजेश टोपे से भी बात करके उन्हें कहा की "राज्य में विशेष रूप से मुंबई में डॉक्टर्स की कमी हो रही है !" महाराष्ट्र की त्रिकोणी सरकार द्वारा एक आर्डर पास किया गया जिसमे धमकी दी गई निजी डॉक्टर्स को और कहा गया की "मुंबई में 25000 निजी डॉक्टर्स अपनी तैनाती कोरोना हॉस्पिटल में ले वरना लिसेंस रद्द कर दिए जायेंगे !" मुंबई के 25 हज़ार से ज्यादा प्राइवेट डॉक्टरों ने कोरोना संकट के दौर में प्रैक्टिस बंद कर दी है। स्वास्थ्य कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है कि " वे जिन अस्पतालों को सौंपा गया है, वहां कम से कम 15 दिन बिताएँ, मुंबई मिरर ने बताया कि उनके लाइसेंस को रद्द करने में विफलता के कारण उनका लाइसेंस रद्द हो सकता है। " देश इस समय कोरोना संकट के दौर से गुजर रहा है। इस मुश्किल समय में डॉक्टर्स जीवनरक्षक के रूप में सामने आए हैं। प्रधानमंत्री से लेकर आम लोग तक उन्हें धन्यवाद दे रहे हैं। लेकिन महाराष्ट्र निजी डॉक्टरों को धमकी दी जा रही !

 इससे पता चलता है निजी डॉक्टरों को समझाने में नाकाम रही है ! अकेले मुंबई में 25000 निजी डॉक्टरों ने सेवाए देना बंद करदी है ! आपको बता दे की देश में इस समय " देश के  एक तिहाही कोरोना मरीज सिर्फ महाराष्ट्र में है ! " मुंबई इस समय कोरोना का हॉटस्पॉट बना हुवा है इसके चलते स्वास्थ सेवाओ पर काफी बड़ा दबाव है ! पहले कई अस्पताल और पूरा का पूरा स्टाफ कोरोना की चपेट में आ चूका है ! डॉ लहाणे ने मिरर को बताया की "डॉक्टरों को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की नैतिकता संहिता को भंग करने के लिए स्थायी रूप से निलंबित कर दिया जाएगा यदि वे इस आपातकालीन महामारी की स्थिति में काम करने से इनकार करते हैं। और अगर ये हाँ करते है तो हम उन्हें सभी सुरक्षात्मक गियर भी प्रदान करेंगे। उन्हें आपातकाल में काम करने के लिए भुगतान किया जाएगा ! "


सवालो का घेरा 
१- महाराष्ट्र की त्रिकोणी सरकार निजी डॉक्टर्स को समझाने में नाकाम हुई ??
२- इस महामारी में गलती कौन कर रहा महाराष्ट्र की त्रिकोणी सरकार या निजी डॉक्टर्स ??
३- सरकार उन्हें समझाने में नाकाम है की उनकी सुरक्षा खतरे में नहीं डाली जायेगी ??
४- पालघर में शाधु की हत्या में तो बहुत समझा रहे थे डॉक्टरो को क्यों नहीं ??


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