Indian Govt Played Smart Move By Holding 175 Chinese Companies Invest
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Government Put On Hold 175 Chinese FDI Proposals |
भारत सरकार ने रोकी 175 चीनी कंपनियों के निवेश
दिनांक 24 Aug 2020 को भारत सरकार ने 175 चीनी कंपनियों के ‘प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई)’ के प्रस्तावों को फिलहाल सुरक्षा की दृष्टि से गृह मंत्रालय ने रोक दिया गया है जिसमे चीन की बड़ी कंपनियां ‘ग्रेट वाल मोटर’, ‘पेट्रोकेमिकल प्रमुख हेन्गली’ और ‘फोटान चाइना’ शामिल है ! करीब एक महीने पहले ही चीनी कंपनी ‘ग्रेट वाल मोटर’ ने भारत के महाराष्ट्र मे 7600 करोड़ रु निवेश करने का घोषणा की थी ! भारत सरकार ने कुछ समय पहले नई ‘रास्ट्रीय सुरक्षा नीति’ लागू की जिसके तहत खासकर चीन के भारी भरकम निवेश को जाँच मे डालने और उसका राष्ट्रीय ख़तरों और रास्ट्रीय जोखिम का मूल्यांकन करना है ! नई सुरक्षा नीति मे बदलाव की वजह, चीन के सैनिकों द्वारा भारतीय सीमा पर भारत के सैनिकों पर कील लगे राड से हमला किया जिसमे 20 भारतीय सैनिकों की मौत हो गई थी जिसके बाद भारत और चीन मे स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है ! इसी साल जनवरी मे ‘ग्रेट वाल मोटर’ ने ‘तेल्गांव’ (पुणे) मे 950 करोड़ रु मे लगाया और ज़मीन प्राप्त की थी ! [1]
भारत सरकार के कड़े कदमों की परिणाम स्वरूप चीनी कंपनियों से भारत मे निवेश सबसे निचले स्तर पर है लेकिन अधिकांश चीनी कम्पनियाँ किसी भी देश मे सरोगेट रास्ते (अन्य देश के रास्ते जांच से बचने के लिए) से निवेश करती है जिससे आधिकारिक संख्या नहीं पता चलती है ! जैसा की चीन की सरकार पर दुनिया का भरोसा खत्म होता जा रहा ठीक वैसे उसकी कंपनियों पर भी अन्य देशों का भरोसा खत्म होता जा रहा ! चीन ज्यादातर देशो मे ऐसा ही करता जिससे उस देश की संप्रभुता खतरे मे हो जाती है ! भारतीय सरकार एक स्मार्ट तरीके से खेल रहे है जो निवेश को आकर्षित कर रहे है लेकिन चीनी प्रतिबंध के साथ जबकि चीनी सरकार विश्व शत्रुता को आकर्षित कर रही है ! कुछ विशेषज्ञों का कहना है की चीनी कंपनियों ने भारतीय खेल के मैदान मे प्रतिस्पर्धा करने का मौका खो दिया है ! [2] भारत मे अब तक चीनी कंपनियों ने कुछ चुनिंदा ‘स्टार्टअप कंपनियों’ (हाइक, बिगबास्केट, पेटीएम, स्नेपडील शामिल) मे पैसा लगाया है !
सोच से निर्माण
मनुष्य जिस तरह की सोच रखता है, वैसे ही वह आचरण करता है। अपने अंदर के विश्वास को जगाकर मनुष्य सोच में परिवर्तन ला सकता है। जो उसके लिए काल्याणकारी होगा।
संदर्भ
[1] भारत ने रोके 175 चीनी कंपनियों के प्रस्तावों को