Central Government Start Banning Of Army Products From Import To Support Atmanirbhar.
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Defence Ministry Started Banned On Products |
कुछ रक्षा सामान को आत्मनिर्भर बनाने का कदम
दिनांक 09 Aug 2020 को भारत सरकार की रक्षा मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी करके बताया की आत्मनिर्भर भारत को आगे बढाने के लिए रक्षा उत्पादन को स्वदेशीकरण को बढावा देने के लिए, 101 वस्तुओ को समयसीमा सहित आयात पर प्रतिबंद का फैसला किया है ! प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिनांक 12 May 2020 को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन मे ‘आत्मनिर्भर भारत’ के बारे मे बताया था ! उसी के तहत रक्षा मे आत्मनिर्भरता को आगे बढ़ाते हुए ये कदम उठाया गया है जिसकी मदद से देश की सरकारी और प्राइवेट कंपनी को बढावा मिलेगा ! भारत सरकार ने वायुसेना, नैसेना, डीआरडीओ, डिफेन्स पब्लिक सेक्टर, आयुध निर्माण बोर्ड और निजी उद्योग सहित सभी के साथ बातचीत के बाद सूची तैयार की गई है !
April 2015 से Aug 2020 तक तीनों सेनाओं के लिए ऐसे सामानों की अनुबंधित कीमत लगभग 3.5 लाख करोड़ रु थी ! इसी साल 52000 करोड़ के ऑर्डर घरेलू इंडस्ट्री को ऑर्डर मिल दिए जायेंगे ! अगले पांच से सात सालों के बीच घरेलु इंडस्ट्री को लगभग 4 लाख करोड़ रु तक का व्यापार मिल सकता जिसमे आर्मी और वायुसेना के लिए अनुमानित 1 लाख 30 हज़ार करोड़ रु और नौसेना के लिए अनुमानित 1 लाख 40 हज़ार करोड़ रु है ! इन लिस्ट मे ना केवल पुर्जे वाले बल्कि उच्च हथियार प्रणाली जैसे तोपखाना, बन्दुक, असाल्ट रायफले, कोर्वेत, सोनार सिस्टम, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर, रेडार और कई आइटम ! [1]
भारत सरकार की 101 उपकरणों की लिस्ट मे 69 उपरकरण इसी साल दिसम्बर तक रोक दिए जायेंगे जिसमे 11 उपकरणों को दिसम्बर 2021, चार उपकरणों को दिसम्बर 2022, आठ उपकरणों को दिसम्बर 2023, आठ उपकरणों को दिसम्बर 2024 और एक उपकरण को दिसम्बर 2025 !
69 उपकरणों मे से बहुत जरुरी है (2020)
१- स्नाइपर रायफल
२- आर्टिलरी गन्स
३- जमीन से हवा कम दूरी वाली मिसाइल, शिपबोर्न क्रूज मिसाइल
४- बुलेटप्रूफ जाकेट
५- बलेस्टिक हेलमेट
६- एंटी-सबमरीन रोकेट
७- हलके कॉम्बेट हेलिकॉप्टर
८- हलके ट्रांसपोर्ट विमान
९- मिनी यूएवी
१०- मिलिट्री ट्रक्स
११- हल्का कॉम्बेट लड़ाकू विमान (भारत सरकार को तेजस पर भरोषा अब हलके एयरक्राफ्ट बाहर से नहीं ख़रीदे जायेंगे)
11 उपकरणों मे से कुछ जरुरी है (2021)
१- हलकी मशीन गन
२- एसाल्ट रायफल
३- कांवेंसनल सबमरीन
31 उपकारणों मे से कुछ जरुरी है (2022-2025)
१- हलकेवजन रोकेट लांचर
२- अस्त्र मिसाइल
३- ट्रेनर एयरक्राफ्ट
४- सामग्री हेंडलिंग क्रेन (2.5-7.5 टन)
५- जेट्स इंजन 120 केजीएफ थ्रस्ट
६- जमीन आधारित क्रूज मिसाइल [3]
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आत्मनिर्भर के जरिये भारतीय कंपनी को आर्डर
रक्षा हथियार के आत्मनिर्भर के तहत भारत की इंडस्ट्री या कंपनी को हथियार के ऑर्डर देने से क्या क्या फायेदे !
१- नौकरियां
२- देश का पैसा देश मे
३- भारत की इंडस्ट्री आत्मनिर्भर
४- जंग के समय हथियार निर्माण तेज
५- इंडस्ट्री की छवि सुधारना दुनिया मे
रक्षा हथियार इंडस्ट्री आज तक
आज़ादी के 72 बाद भी आजतक भारत अपने रक्षा हथियार बनाने मे आत्मनिर्भर नहीं बना जबकि भारत अपने शस्त्र सेना पर 130 बिलियन $ खर्च करता है ! भारत आज भी दुनिया मे शीर्ष तीन रक्षा आयात मे शामिल है ! वहीँ चीन हथियार निर्यात मे दुनिया मे सातवें नंबर मौजूद है, दूसरी तरफ भारत का निर्यात मे बहुत पीछे है ! भारत ज्यादातर सेना के ज़रुरी सामान भी विदेश से खरीदते आ रहे ! भारत की रक्षा कंपनी कभी ठीक से विकसित नहीं हुआ है जिसकी वजह से भारत को रूस, अमेरिका, फ्रांस, इस्राएल पर निर्भर रहना पड़ता है ! [2]
संदर्भ
[1] रक्षा मंत्रालय की नोटिफिकेशन
[2] रक्षा हथियार आयातक और निर्यातक