Double Standard Of Uddav Govt & Double Attack On Uddav Govt
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Double Standard Of Uddhrav Thakarey (Photo Credit : Manoj Kureel) |
केस १ : उद्दव सरकार का मंदिरों पर रोक पर सुप्रीम कोर्ट का फटकार
दिनांक 15 Aug 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र की उद्दव सरकार को मंदिर मुद्दे पर फटकार लगाई ! [1] असल मे महाराष्ट्र सरकार ने महाराष्ट्र मे धार्मिक स्थल को बंद रखने और माल को खोलने का फैसला लिया था जो की हाई कोर्ट मे एक सुनवाई के दौरान भी बताया था ! [2] दिनांक 22, 23 अगस्त को जैन समाज का एक ‘पर्युषण’ त्यौहार थे ! मुंबई मे तीन जैन मंदिर (दादर, बायकुला और चेम्बूर) को लेकर सुप्रीम कोर्ट मे महाराष्ट्र की उद्दव सरकार के खिलाफ एक याचिका डाली गई ! मंदिर के वकील दुष्यंत दावे, केंद्र सरकार के तुषार मेहता और महाराष्ट्र सरकार के कांग्रेस नेता वकील अभिषेक मनु शिन्घ्वी शामिल हुए !
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा : कुछ माँगा जा रहा है वह केवल त्योहारों के दौरान मंदिर मे कुछ लोगो को अनुमति देने के लिए है और एक ही दिन मे 12-65 वर्ष के बीच मंदिरों मे पांच और कुल 250 लोगो को अनुमति दी जा सकती है !
केंद्र के सालिसिटर जनरल : केंद्रीय गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देश धार्मिक गतिविधियों पर रोक नहीं लगाते हैं सिर्फ धार्मिक मंडली छोड़कर !
उद्दव सरकार के वकील : मैं इससे राज्य के प्रबंधन मे बड़ी कठिनाई होगी !
चीफ जस्टिस : यह वही विकल्प है जो हमारे पास ओडिसा रथ यात्रा के साथ था ! हम मानते है की अगर यह सुनिश्चित कर सकते है की गड़बड़ी बरक़रार है और लोग इकट्ठा नहीं होते है ! अगर एक मंदिर मे एक समय मे पांच लोगो की बात होती है और एक प्रारूप को सभी स्थानों पर दोहराया जा सकता है तो हम जैन मंदिरों से इजाज़त दे सकते है ! यह अजीब है व्यावसायिक गतिविधिओं को सशर्त रूप से फिर से शुरू करने की अनुमति दी जा सकती है जबकि धार्मिक गतिविधियों पर रोक है !
तीन जजो की बेंच : हमें यह बहुत अजीब लगता है की प्रत्येक गतिविधियों जो वे अनुमति दे रहे है उनमें आर्थिक गति विधि शामिल है ! यदि पैसा शामिल है तो वे जोखिम लेने को तैयार है लेकिन अगर धार्मिक है तो वे कहते है की कोविद है और हम ऐसा नहीं कर सकते !
कोर्ट ने सिर्फ अभी के लिए इन तीन मंदिरों को सीमित भक्त को इजाज़त दी है लेकिन कोर्ट की टिप्पणी महाराष्ट्र सरकार के दोहरे चरित्र पर सवालिया निशान है ! [3]
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Uddhrav Thakarey Try To Balance Sharad Pawar And Sonia Gandhi (Photo Credit : PerformIndia) |
केस २ : उद्धव सरकार ने एक फरमान जारी कर पैसा ट्रान्सफर करने को कहा
दिनांक 19 Mar, 25 Jun, 25 Jul 2020 को महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ने तीन बार प्रस्ताव पास करके तीन बार मंदिर ‘सिद्धिविनायक’ से पैसा ट्रान्सफर करवाया जिसमे 5 करोड़ रु ‘राज्य शिव भोजन’ और चीफ़ मिनिस्टर रिलिफ फंड’ हर एक से लिया गया जिसका मतलब करीब १० करोड़ रुपये निकले जा चुके ! ध्यान दीजिए ऐसा कोई प्रस्ताव मुस्लिम के लिए नहीं निकला !
दिनांक 21 Aug 2020 को याचिकाकर्ता ‘लीला रंगा’ (एक कट्टर हिंदू) के वकील प्रदीप संचेती ने एक याचिका दाखिल करके कहा की प्रस्ताव ‘श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ट्रस्ट (प्रभुदेवी) अधिनियक 1980’ के प्रावधानों के तहत ‘अवैध और अभेद्य’ थे ! वकील ने अदालत से सरकार को मंदिर के धन से किसी भी धन ट्रान्सफर पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की ! कोर्ट ने इस स्तर पर कोई रोक लगाने से अभी के लिए इनकार कर दिया लेकिन महाराष्ट्र सरकार और श्री सिद्धिविनायक ट्रस्ट प्रबंधन समिति को दिनांक 18 Aug 2020 तक याचिका के जवाब देने को निर्देश दिया है ! प्रथम द्रष्टया से हम संतुष्ट है की याचिकाकर्ता ने एक मामला बनाया है ! अगर याचिकाकर्ता जीता है तो अदालत राज्य सरकार को किये गए लेन देन को उलट ने के लिए हमेशा निर्देश दे सकती है ! अगली सुनवाई Oct 2020 मे होगी ! [4]
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Questions Should Asked (Photo Credit : Broadly) |
सवाल अपने आप से करे
पोइंट्स : महाराष्ट्र सरकार देश का वित्तीय केंद्र के नाम से जाना जाता है ! जहाँ पूरा बॉलीवुड के बड़े बड़े योद्धा जैसे आमिर खान, सलमान खान, महेश भट्ट, शाहरुख खान, कारण जौहर, अंबानी, खुद पवार, खुद ठाकरे जैसे रहीश लोग है जो महाराष्ट्र को वित्तीय केंद्र बताते है !
सवाल १ : क्या वित्तीय राजधानी के पास फंड नहीं है जो सिर्फ 10-30 करोड़ रु के लिए मंदिर से प्रस्ताव लाकर निकाले जा रहे ?
सवाल २ : क्या वित्तीय राजधानी के मुख्यमंत्री ऐसा प्रस्ताव मस्जिद या गिरजाघर के लिए निकालेंगे ?
सवाल ३ : क्यों महाराष्ट्र सरकार के नेता मंदिर जाकर झूठा ढोंग करते है मंदिर जाकर धन और चढावा देने का जब वापस लेना है ही ?
सवाल ४ : अगर कोरोना महामारी के लिए जा रहा तो राज्य के मंत्रियों के भत्तो, सैलरी से क्यों नहीं पूरी तरह काटे जा रहे (छह महीने मे क्या बिगड जायेगा) ?
सवाल ५ : क्या राज्य के मंत्री अपने राज्य को मुसीबत के समय अपनी सैलरी (तीन-चार लाख प्रति महीना) भी नहीं दान देना चाहते ? लेकिन जनता और मंदिर से उम्मीद लगाते !
सवाल ६ : क्या राज्य मे बॉलीवुड के लोगो ने भी सिर्फ 30 करोड़ रु देना नहीं चाहते जबकि दीपिका पादुकोण को मीडिया मे रिपोर्ट के अनुसार पांच करोड़ तो सिर्फ एक प्रदर्शन मे पहुचने के मिले थे ?
सवाल ७ : जब धन लेने की बात आती तो प्रस्ताव लाके मंदिर से लेंगे लेकिन जब मंदिर खोलने की बात आती तो कोरोना सामने आ जाता क्यों ? आपको ध्यान होगा कुछ दिन पहले मस्जिद मे एक हिंदू लड़की करिश्मा ने स्पीकर की आवाज़ को कम करने को कहा जिसका सीधा मतलब था मस्जिद खुली हुई थी और अजाने हो रही थी ! सुप्रीम कोर्ट मे भी ऐसा सवाल पूछा मंदिर बंद लेकिन माल खुला ये समझ मे नहीं आता !
सवाल बहुत है लेकिन जनता को खुद सोचना होगा क्या सही या गलत !
संदर्भ
[1] सुप्रीम कोर्ट की मंदिर पर उद्धव सरकार को फटकार
[2] महाराष्ट्र सरकार का मंदिर बंद और माल खोलने का फरमान
[3] कोर्ट ने पोल खोलते हुए दी तीन मंदिर को इजाज़त
[4] महाराष्ट्र सरकार का फरमान मंदिर के पैसे खिलाफ