SEBI Banned NDTV From captial Market, WAJID’s Wife Supports Anti-conversion Bill
न्यूज़ 1: NDTV प्रमोटर्स के ऊपर लगी रोक
दिनांक 28 Nov 2020 को SEBI ने स्व-घोषित ईमानदार NDTV चैनल के प्रमोटर्स ‘प्रणब राय’ और ‘राधिका राय’ सहित पाँच लोगो को ‘इनसाइडर ट्रेडिंग’ से अनुचित लाभ उठाने का दोषी पाए जाने पर दो साल के 'पूंजी कारोबार' करने पर रोक लगा दी है ! सेबी की जाँच में पाया कि इसमे एनडीटीवी ने PIT विनियमों का उल्लंघन कर अवैध तरीके से करोड़ों रुपये कमाई की थी जिसपर सेबी ने 16.97 करोड़ रुपये वापस लौटाने के लिए भी कहा है ! सेबी ने Sep 2006 से Jun 2008 के बीच में शेयरों कारोबार की जांच में पाया जाने की बाद उठाया ! इसके साथ दोनों मालिकों को इसपर 06% प्रति वर्ष के हिसाब से व्याज भी देना होगा ! [1]
#NDTV_Fraud @ndtv n @UNICEFIndia collected money in crores in d name of Govt of India's Child Line India; they kept @MinistryWCD in a dark; debt ridden NDTV supposedly gobbled major chunk of it! We hv sought @IncomeTaxIndia inquiry of funds wl also seek @PMOIndia attention too pic.twitter.com/Fv0mXGN1eF
— Legal Rights Observatory- LRO (@LegalLro) November 28, 2020
असल में LRO नमक ‘सोशल ग्रुप’ ने एनडीटीवी और यूनिसेफ़ इंडिया (यूनिटेड नेशन का एक अंग) के खिलाफ आयकर विभाग में एक शिकायत दर्ज कराई है जिसमे दावा किया गया कि एनडीटीवी और यूनिसेफ़ इंडिया में ‘चाइल्डलाइन इंडिया’ योजना द्वारा एकत्र किये गए करोड़ों रूपए में घोटाला किया ! एनडीटीवी और यूनिसेफ़ ने ‘बाल विकास कल्याण विभाग’ को भी अधेंरे में रखकर पैसा इकट्ठा किया गया है ! LRO ने कहा है कि इसे प्रधानमंत्री कार्यालय के संज्ञान में भी लायेंगे ! LRO नमक संस्था एक रास्ट्रवादी क़ानूनी अधिकार संगठन है जिसमे करीब 150 विद्द्वान काम करते है ! इस संस्था ने धर्म परिवर्तन कराने वाले संस्थाओं के खिलाफ कई केस किये है ! इस ग्रुप ने April 2017 को इंडियाटुडे चैनल के खिलाफ शिकायत की थी जिसमे इंडियाटुडे ने माओवादी कार्यकर्ताओ को बुलाया था ! [2]
न्यूज़ 2: वाजिद खान की पत्नी ने कन्वर्जन विरोधी कानून का समर्थन
दिनांक 28 Nov 2020 को बॉलीवुड के संगीतकार ‘वाजिद खान’ की कोरोना से निधन होने के बाद उनकी पत्नी ‘कमलरुख खान’ ने ‘अंतर-धर्मीय विवाह’ पर राय जाहिर की ! इसमे लिखा कि कैसे इस्लाम में परिवर्तित होने के उनके प्रतिरोध ने हम दोनों के बीच खाई पैदा करदी थी ! उन्होंने आगे बताया कि वो पारसी और खान मुस्लिम परिवार से था जिसमे दोनों के विचार एक दूसरे के विपरीत होने के बावजूद शादी होने के बाद कैसे महिलाओं को धर्म के नाम पर पीड़ा और भेदभाव का सामना करना पड़ता है ! उन्होंने बताया कि मेरी परवरिश (मतलब पारसी में) बहुत लोकतांत्रिक थी जबकि विवाह के बाद (मुस्लिम से शादी के बाद) की लोकतांत्रित स्वतंत्रता, शिक्षा मेरे मुस्लिम पति के लिए सबसे बड़ी समस्या थी ! उन्होंने लिखा कि मैं तबाह हो गई थी, विश्वासघात महसूस किया, भावनात्मक रूप से टूट चुकी थी लेकिन फिर भी मैंने खुद को और अपने बच्चों को संभाला ! उनके और उनके बच्चों के ‘सामान्य अधिकार’ हड़प लिए गए और यह सब मेरा इस्लाम में परिवर्तित न होने का नतीजा था ! पीड़ित कमलरुख ने माँग कि ‘धर्मातरण विरोधी कानून’ का राष्ट्रीयकरण किया जाना चाहिए ताकि अंतर-धार्मिक विवाह में धर्म की विषाक्तता से जूझ रही मेरी जैसी महिलाओं के लिए संघर्ष को कम किया जा सके ! [3]
असल में उत्तरप्रदेश की योगी सरकार (बीजेपी सरकार) ने हाल ही में इसपर एक अध्यादेश लाकर माननीय राजपाल को भेज दिया था जिसपर राजपाल ने भी हस्ताक्षर कर दिये है जो अब छह महीनों के लिए कानून की शक्ल ले चुका है ! अब योगी सरकार को इस विधेयक को छह महीने के अंदर विधानमंडल के दोनों सदनों में पास करना होगा !
संदर्भ