ऑस्ट्रेलिया उच्चायुक्त 'मोहन भागवत' से मिले ! कपिल सिब्बल जैसे नेताओं ने उठाई कांग्रेस के खिलाफ आवाज़ ! - VerifiedNewz.us

VerifiedNewz.us

भारतीयों को नकली समाचार से सत्यापित स्रोत में मदद करने के लिए। छिपे हुए, सत्यापित समाचार, इतिहास समाचार, संस्कृतिक समाचार और तार्किक समाचार।
To help indians distinguish verified source from fake news. Hidden, verified news, History News, Sanskriti News And Logical News.

Home Top Ad

Responsive Ads Here

Post Top Ad

Your Ad Spot

Nov 17, 2020

ऑस्ट्रेलिया उच्चायुक्त 'मोहन भागवत' से मिले ! कपिल सिब्बल जैसे नेताओं ने उठाई कांग्रेस के खिलाफ आवाज़ !

May Congress Collapse. Australia's Ambassador Met With RSS Chief.


congress Leader Slam Sonia Gandhi And Rahul Gandhi Indirectly. Australian Ambessdor Met Mohan Bhagwat

न्यूज़ 1: चुनावी रिजल्ट के बाद कांग्रेस के अंदर और बाहर विरोध

दिनांक 11 Nov 2020 को देश के विभिन्न चुनाव के रिजल्ट आयें जिसमे बिहार चुनाव का रिजल्ट भी शामिल है ! बिहार में 243 सीटों के चुनाव के रिजल्ट में ‘भारतीय जनता पार्टी+’ ने 78 सीट, ‘जेडीयू+’ ने 47 सीट, कांग्रेस ने 19 सीट और आरजेडी ने 75 सीट पर जीत हासिल की है ! अगर देखा जाये, पिछले सन 2015 के चुनाव में अनुसार, इन चारों बड़ी पार्टियों में सिर्फ एक पार्टी ‘भारतीय जनता पार्टी’ जिसने कम सीटों लड़ने पर भी ज्यादा सीट (53 से 74) हासिल की जबकि कांग्रेस ने ज्यादा सीटों पर लड़कर कम सीटें (27 से 19), जेडीयू ने ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़कर कम सीटें (71 से 43) और आरजेडी ने ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़कर कम सीटें (80 से 75) हासिल की है ! [1][2]


अगर एक आधे राज्य छोड़ दिये जाये तो बाकी अन्य चुनाव में भी कांग्रेस को बुरी तरह से हार मिली ! कांग्रेस को गुजरात में आठों सीट पर, कर्नाटक में दोनों सीट पर, मध्यप्रदेश में 28 सीटों में खुद की सीटें गवाते हुए 19 पर, मणिपुर की पांचो सीट पर, तेलंगाना में एक सीट पर, उत्तरप्रदेश की सातो सीट पर चुनाव में हार का मुहँ देखना पड़ा ! वही जीत सिर्फ तीन राज्यों छत्तीसगढ़, हरियाणा और झारखंड में मिली वो भी एक एक सीट पर !


इन सभी चीजों को देखते हुए दिनांक 16 Nov 2020 को कांग्रेस के बड़े नेता और वकील कपिल सिब्बल ने फिर कांग्रेस पार्टी की लीडर शिप और कामकाज को लेकर सवाल उठाये और वहीँ कुछ दिन पहले भी कुछ नेताओं ने  सोनिया गाँधी को पत्र लिखा जिसमे बदलाव कि मांग की गई थी लेकिन उसपर कोई काम नहीं हुआ ! सिब्बल ने कहा कि देश के लोग अब कांग्रेस को विकल्प नहीं मानते, न केवल बिहार में बल्कि जहाँ भी उप चुनाव हुए वहां भी ! हम जानते है कि क्या गलत है, हमारे पास जवाब भी है, पार्टी खुद सारे जवाब जानती है लेकिन वे समाधानो को पहचानने के इच्छुक नहीं है, यदि वे इन समाधानो को नहीं पहचानते है तो ग्राफ़ में गिरावट जारी रहेगी ! [3]

क्या फिर से कांग्रेस के टूटने का समय है

कांग्रेस पार्टी में पहले 23 नेताओं का खुले विरोध के बाद चुनाव में शामिल हुआ जिन्होंने पार्टी के कामकाज पर सवाल उठाये बल्कि राजनीति पर भी सवाल उठाये ! हिंदी भाषी क्षेत्रो में कांग्रेस के प्रति महीने दर महीने जनता का रुख जहाँ यूपी में पूर्ण सफ़ाया और मध्य प्रदेश में २/३ सफ़ाया और बिहार में भी पहले और कम सीट बताती है कांग्रेस की सच्चाई ! राहुल गाँधी ने सन 2014 में कांग्रेस का कार्यभार संभाला हालांकि आधिकारिक तौर पर वह सन 2017 में पार्टी के अध्यक्ष बने थे जिनके नेतृत्व में कांग्रेस ने दो आम चुनावों का हार का मुहँ देखना पड़ा और पार्टी निचले से निचले स्तर तक पहुँच रही


राहुल गाँधी के नेतृत्व में मध्य प्रदेश से लेकर कर्नाटक की सरकारें गँवानी पड़ी ! पिछले दस सालों में कांग्रेस के बड़े और युवा नेताओ ने भी राहुल गाँधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी को छोड़ दिया जिसमे ज्योतिरादित्य सिंधिया, जगन रेड्डी और हिमंत बिस्वा सरमा शामिल है ! बताया तो यहाँ तक जा रहा कि कांग्रेस पार्टी में राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी वाड्रा के बीच कुछ सही नहीं चल रहा बल्कि बहुत तनाव भी है ! आपको ध्यान होगा राजस्थान में गहलोत और सचिन की उठापटक में सचिन पायलट ने शुरुआत में राहुल गाँधी से बात ना करके प्रियंका गाँधी के नज़दीक रहे थे जो विभाजन की एक संभावना को दर्शाता है !



न्यूज़ 2: RSS के कार्यों से प्रभावित हुए ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त

दिनांक 15 Nov 2020 को ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त ‘बैरी ओ फरेलने अपने आधिकारिक ट्विट्टर अकाउंट से एक ट्विट किया ! भारत में विभिन्न इलाकों में कोरोना महामारी के समय चलाए गए मदद अभियान से प्रभावित होकर ‘बैरी ओ फरेल’ ने नागपुर में संघ मुख्यालय में संघ संचालक ‘मोहन भागवत’ से मुलाकात की और संघ द्वारा चलाए गए अभियानों की तारीफ कर, स्मृति मंदिर का भी दौरा किया था


यहाँ पर संघ संचालक मोहन भागवत ने उच्चायुक्त को संघ के कार्यों के बारे में जानकारी दी ! उन्होंने अपने ट्विट में लिखा कि आरएसएस ने कोरोना के दौरान सक्रिय रूप से समुदाय का मदद करता रहा है, मैंने सरसंगसंघसंचालक डॉक्टर मोहन भागवत से मुलाकात की, जिन्होंने इन चुनौतीपूर्ण समय के दौरान संगठन द्वारा अपनाए गए राहत उपायों को साझा किया ! इसके पहले भी जुलाई 2019 में जर्मन राजदूत ‘वाल्टर जे लिंडनर’ ने भी नागपुर के संघ मुख्यालय का दौरा किया था ! [4] 


संदर्भ

[1] बिहार चुनाव के रिजल्ट  

[2] बिहार चुनाव के पिछले रिजल्ट  

[3] कपिल का हमला 

[4] ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त नागपुर पहुंचे 


Post Top Ad

Your Ad Spot