Best Of India In All Way
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Private Company Made Pinaka Test Fired Successfully (Photo Credit : GuardingIndia) |
केस 1 : रक्षा – पहली बार निजी कंपनी का पिनाका ने सफलतापूर्वक परीक्षण किया
दिनांक 22 Aug 2020 को ‘मेड इन इंडिया’ को बढावा देने के लिए और विदेश पर निर्भरता खत्म करने के लिए सरकार के कदमों का फ़ायदा उठाते हुए एक निजी कंपनी ‘इकोनोमी एक्सप्लोसिव लिमिटेड (EEL)’ ने पहले रॉकेटों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है जिसका परीक्षण पोखरण के एक फ़ायरिंग रेंज मे किया गया और सटीक निशाना लगाकर अच्छे परिणाम हासिल किये ! डीआरडीओ ने पांच साल पहले एक समझौते के तहत रॉकेट के निर्माण की प्रौद्योगिकी को निजी हाथ मे हस्तांतरित किया गया है ! विशेषज्ञ का कहना है की ये ‘आयुध निर्माणों बोर्ड’ से 20-30% सस्ता पड़ेगा ! [1]
पहले यह रॉकेट ‘आयुध निर्माणों बोर्ड’ द्वारा बनाया जाता था लेकिन जिसकी वजह से डीआरडीओ का फंड और समय दोनों की वजह से अन्य प्रोजेक्ट की रफ़्तार मे कमी आती थी और कई बार तो अन्य सामानों के लिए विदेश पर निर्भर रहना पड़ता था लेकिन अब जब देशी और निजी कंपनी इसका निर्माण करेंगी तो देश मे नौकरी और हथियार के नाम पर आत्मनिर्भर के तरफ कदम बढाएगा ! इससे कुछ नौकरियाँ (निजी क्षेत्र मे), हथियार निर्माण मे तेजी, हथियार सस्ता (२०-३०%), आत्मनिर्भर और डीआरडीओ के लिए समय ! ये इसलिए भी किया जा रहा क्योंकि इंडियन आर्मी द्वारा कई बार असफलता की शिकायत की गई थी जिसकी वजह भारतीय सेना को मिलने मे और देरी होती थी ! [1]
(सरकारी नौकरी का सोच : अब तो सरकारी नौकरी मील गई जितना मन आय काम वरना आराम)
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Piyush Goyal Meeting With 24 Industries Subsectors With Steering Committee (Photo Credit : Piyush Goyal Twitter) |
केस 2 : अंकुश – सरकार ने चीन से ऑटो पार्ट का आयात करना चाहती सीमित
दिनांक 23 Aug 2020 को भारत सरकार के मंत्री पियूष गोयल ने ऑटो इंडस्ट्री के खिलाड़ियों के साथ दूसरी मीटिंग की जिसमे 24 क्षेत्रों पर समीक्षा की गई ! सरकार ने आयात पर अंकुश लगाने और स्वदेशी विनिर्माण को बढावा देने के लिए देश मे निवेश, उद्योग आयात और स्थानीयकरण स्तर पर मूल्य श्रृंखलाओं पर विस्तृत जानकारी मांगी है ! ये जानकारी ‘ऑटो इंडस्ट्री’ की एक बॉडी ‘सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मानुफाक्टुरिंग (SIAM)’ से मांगी है ! [2][3]
इसका मकसद है चीन से सारे आयात को सीमित कर घरेलू मानुफाक्टुरिंग को बढावा देना जिससे बहुत से फायदे होंगे जैसे नई पार्ट्स बनाने वाली फ़ैक्टरी लगेगी जो नौकरियाँ देगी, विदेशी निर्भरता कम होगी और अन्य ! एक आधा नुकसान भी है कुछ सीमित समय के लिए वो चीज़े थोड़ी महंगी हो सकती है ! सन २०२० मे भारत की ऑटो कंपनियों ने $ 15.4 बिलियन मे चीन से 25%, साउथ कोरिया से 14%, जर्मनी से 11% और जापान से 9% पार्ट्स ख़रीदे थे ! भारतीय ऑटो कंपनियां चीन से प्रमुख आयात मे ‘ड्राइव ट्रांसमिसन और स्टीरिंग पार्ट्स’, ‘इलेक्ट्रोनिक और इलेक्ट्रोनिक्स पार्ट्स’, ‘कूलिंग सिस्टम’, ‘सस्पेंसन’ और ‘ब्रेकिंग पार्ट्स’ शामिल है ! [3]
हाली मे सरकार ने चीन से आयात होने वाले कुछ टायर्स पर रोक लगा चुकी है जो खासकर मोटर कार, बस, ट्रैक और मोटरसाइकिल मे इस्तेमाल होते थे ! सरकार का यहाँ बड़ा मकसद है विनिर्माण का स्थानीयकरण है ! सरकार ने ऑटोमोटिव मिशन प्लान के जरिये सन 2026 तक 65 मिलियन वाहनों को बेचने और सबसे ज्यादा बड़े लेवल पर स्थानीयकरण हो जायेगा ! [2][4]
तीन साल पहले का पूर्व आप और अब बीजेपी नेता कपिल मिश्रा का दावा सही निकला, आप पार्टी ने किया दो करोड़ का घोटाला
संदर्भ
[1] निजी कंपनी ने सफलतापूर्वक परीक्षण किया पिनाका का
[2] भारत कुछ ऑटो पार्ट्स के आयात को सीमित करना चाहता
[3] भारत ने चीन से कितना माल २०२० मे ख़रीदा
[4] भारत सरकार ने हाली मे कुछ टायर्स के आयात को सीमित किया