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Sep 20, 2020

26 पूर्व आईपीएस ने दिल्ली दंगों की जांच का किया समर्थन, जूलियो सहित पूर्व आईपीएस की मंशा पर उठाए सवाल

26 IPS Officers supported Delhi Riots Enquiry



Julio Rubeiro  Vs S N Srivastava On Delhi Case

26 पूर्व आईपीएस अधिकारियों ने दिया जूलियो रिबेरो को जवाब

दिनांक 19 Sep 2020 को मुंबई के पूर्व आईपीएस अधिकारी ‘जूलियो रिबेरो सहित 10 अधिकारियों द्वारा दिल्ली दंगों की जाँच पर उठाये गए सवालों के बीच 26 पूर्व आईपीएस अधिकारियों दिल्ली पुलिस की जाँच का समर्थन करते हुए उन दसो अधिकारियों की मंशा पर सवाल उठाये ! उन 26 पूर्व अधिकारियों ने कहा, “कुछ अधिकारी खुद से किसी को निर्दोष नहीं ठहरा सकते और पुलिस बल की छवि खराब करने की कोशिश नहीं कर सकते ! ‘रिबेरियो’ और अन्य को इस तरह की ‘भारत विरोधी अभिव्यक्ति और साम्प्रदायिक रवैये’ का समर्थन नहीं करना चाहिए ! दिल्ली पुलिस के पास ऐसे किसी भी व्यक्ति की भूमिका की जाँच करने का हर अधिकार और कर्तव्य है और हिरासत में लेकर जांच, कानून की एक उचित प्रतिक्रिया का एक हिस्सा है !” [1]


आगे उन्होंने कहा, “अभियुक्त के पास कानून के अंतर्गत अग्रिम जमानत या नियमित जमानत पाने का अधिकार है। इसके अलावा उनके पास एक निष्पक्ष जांच का अधिकार है, जहां वह खुद को निर्दोष साबित कर सकते हैं। “पुलिस अधिकारियों का एक वर्ग किसी को निर्दोष घोषित करने के लिए अदालत की शक्तियों को बेकार नहीं कर सकता है। ऐसे अधिकारियों को भारतीय पुलिस सेवा के अपने उत्तराधिकारियों की ईमानदारी या व्यावसायिकता पर संदेह करने का कोई अधिकार नहीं है। उनकी इस तरह की प्रतिकूल टिप्पणी सेवा-रत पुलिस अधिकारियों के अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने के संकल्प को कमजोर कर सकती है, जो भारत में सांप्रदायिक दंगे भड़काने के मामले में शामिल रहे हैं।“ [1]


इनमें दिल्ली पुलिस के पूर्व आयुक्त ‘आर एस गुप्ता’, उत्तरप्रदेश के पूर्व डीजीपी ‘आर एन सिंह और भानु प्रताप सिंह’, त्रिपुरा के पूर्व डीजीपी ‘बी एल वोहरा’, महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी ‘प्रवीन दीक्षित’, बिहार के पूर्व डीजीपी ‘एसके भरद्वाज और रमेश सिन्हा’ और केरल के पूर्व डीजीपी ‘एस गोपीनाथ’ सहित 26 पूर्व आईपीएस अधिकारियों ने पुलिस के समर्थन वाले बयान पर हस्ताक्षर किये है ! [1]



Abu Bakar Looted Hindu Family In Shiv Vihar
Abu Bakar Looted Hindu Family In Shiv Vihar

माजरा क्या था और कौन थे ये मुंबई के अधिकारी

दिनांक 15 Sep 2020 को मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर ‘जूलियो रिबेरोसहित दस पूर्व अधिकारियों ने दिल्ली पुलिस आयुक्त ‘एसएन श्रीवास्तव’ को पत्र लिख कर, दिल्ली दंगे के मामले में दिल्ली पुलिस की जांच में सवाल उठाये थे और उनपर (दिल्ली पुलिस) पर आरोप लगाया की वे सत्ताधारी दल (खासकर कपिल शर्मा, अनुराग ठाकुर की तरफ) से जुड़े अन्य लोगों के प्रति उदासीन रहते हुए सीए विरोधी प्रदर्शनकारियों को फँसाने का आरोप लगा रहे है ! 


इनके बचाओ में एक पुराने ऐसे मामलो विरोध में खड़े होने वाले और कोर्ट की अवमानना करने वाले ‘प्रशांत भूषण’ ने भी पुलिस की आलोचना की और ख़ालिद सैफी को शांतिप्रिय बताते हुए एक अधूरा वीडियो शेयर किया ! ये अधिकारी खासकर ‘उमर खालिद, ताहिर हुसैन, खालिद सैफी, सफोरा जगर, अपूर्वानंद जैसे के लोगो का बचाओ में उतरे है ! [2]



Delhi Police Reply To Julio Robeiro

दिल्ली पुलिस का जवाब 



प्रशांत भूषण और दस अधिकारियो की मंशा क्या

दिल्ली दंगे में शामिल पाँच लोगो पर बड़े बड़े आरोप सिद्ध होते जा रहे ! जिसमे कुछ प्वाइंट और आरोप भी है

  • आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या !
  • पेट्रोल बम अपने घर में बनाकर मंदिर, घरों पर हमला !
  • सिक्किम को भारत से अलग करने की नीति में शामिल !
  • यहाँ तक आतंकी जाकिर नाइक से फंड लेने में भी शामिल !
  • मीरान हैदर (जामिया कोओर्डिनेशन कमेटी का हेड) जो सफोरा की जमानत और 14-15-16 Dec 2019 को जामिया में दंगे हुए उसमे दोषियों को बचाने के लिए दिल्ली पुलिस के खिलाफ करती है ! इसी के घर से रजिस्टर मिला जिसमे सिंगापूर, यूके, मलेशिया, सउदी, ओमान से पैसे आया और उसके बाँटने तक का हिसाब लिखा हुआ है !
  • दिनांक 21 Feb को दिल्ली दंगे के पहले मनीष सिसोदिया, केजरीवाल, आतिशी, अरफा जैसे लोगो से मिला था और साथ 27 feb को संजय सिंह ताहिर हुसैन को निर्दोष साबित करने में लगे थे और फोन पर दंगे के समय बातचीत हो रही थी !

ये दस अधिकारी और प्रशांत भूषण इन लोगो का अधूरा वीडियो शेयर करके क्या बताना चाहते ! इन लोगों को ना तो संविधान, ना पुलिस, ना कोर्ट, ना मीडिया किसी पर भरोसा नहीं ! इनको सिर्फ इनको खुद पर भरोसा जो ये बोले वो सही बाकी दुनिया बोले वो झूठ ! 

  • उनको अपने ट्विट्टर पर निर्दोष साबित क्यूँ करना चाहते ?
  • क्या उस आईबी अधिकारी की देश में कोई कीमत नहीं जो इन जैसे अधिकारी और अधिवक्ता जो सवाल उठाने चले आते है ?
  • क्यूँ ‘सीए विरोधी प्रदर्शनकारियों’ की आड़ लेकर ये अधिकारी ऊपर किये कर्म को छुपाना चाहते ?
  • दिल्ली दंगे, बेंगलोर दंगा, मेरठ दंगा, स्वीडन दंगे, नॉर्वे दंगे क्या थे फिर ?






संदर्भ 

[1] 26 पूर्व अधिकारियों ने दिया जवाब और दागे सवाल   

[2] 10 पूर्व अधिकारी और प्रशांत के सवाल 


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