Farmer Bills Passed With High Voltage Drama
कृषि बिल लोकसभा और राज्यसभा से पास कैसे
दिनांक 14 Sep 2020, मोदी सरकार ने किसानों को लेकर तीन बिल (‘किसान उत्पादन व्यापार और वाणिज्य विधेयक’, ‘मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा विधेयक पर किसानों का समझौता’ और ‘आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक’) लोकसभा पेश किये जो लोकसभा में बहुमत के साथ पास ! [1] दिनांक 20 Sep 2020, सरकार ने राज्यसभा में दो बिल पेश किया जिसमे ध्वनि मत से वोटिंग में बिल पारित हो गया ! [2]
एनडीए साथी ने दिया इस्तीफा क्यूँ और कौन समर्थन में, कौन विरोध में
दिनांक 14 Sep 2020 को लोकसभा में पास होने के तुरंत बाद ‘शिरोमणि अकाली दल’ के केंद्रीय मंत्री ‘हरसिमरत कौर बदल’ ने इसको पंजाब के किसानों के खिलाफ बताकर इस्तीफ़ा दे दिया जिसको राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी दे दी गई ! [1]
त्रिमुल कांग्रेस, डीएमके के नेताओं ने कैमरे पर ‘दस्तावेजों’ को फाड़ दिया और साथ में राज्यसभा अध्यक्ष के ऊपर ‘रुल बुक’ को फेकी जो राज्यसभा की क्या देश की मर्यादा के खिलाफ ! आप नेता संजय सिंह राज्यसभा में पढ़े लिखे होने के बाद मेज़ के ऊपर खड़े थे और साथ में मार्शल का गला दबाने और घुसा मरने की कोशिश की ! बीजेपी ने इन नियमों और मर्यादा के उल्लंघन पर करवाई की मांग की है ! [2]
जगनरेड्डी की पार्टी वाईएसआर ने एनडीए का समर्थन करते हुए कहा, बिल के आने से किसानों को स्वेच्छा मिलेगी और दलालो का सिस्टम खत्म होगा ! उपज की कीमत से किसानों को लाभ होगा और दलालो को एजेंट से छुटकारा मिलेगा ! बाजार समितियों की तानाशाही को भी समाप्त किया जायेगा ! कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में मार्केट कमेटी को रद्द करके फसल परिवहन पर प्रतिबंध को हटाने का उल्लेख किया था लेकिन ला एनडीए सरकार इसे कर रही है ! विधेयक की खिलाफत करने से पहले कांग्रेस को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए ! कांग्रेस दलालो के साथ खड़ी है ! [3]
समर्थन : जेडीयू, वाईएसआर, बीजेडी
विरोध : कांग्रेस, त्रिमुल कांग्रेस, डीएमके, सीपीएम(वामपंथी), आरजेडी, शिवसेना, एआईएडीएमके, टीआरएस, आप
क्या है इन विधेयक में
‘किसान उत्पादन व्यापार और वाणिज्य विधेयक’ के तहत, एक पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करना है जो किसानों को विभिन्न राज्यों की मंडियों या बाजार के बाहर बेच सकते है ! यह बिल किसानों की उपज को बिना किसी अवरोध के दूसरे राज्य या अपने राज्य बेचने की अनुमति देता है ! यह विधेयक किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने में मदद करने के लिए और परिवहन लागत को कम करने के उद्देश्य से कानून है जो अब इलेक्ट्रोनिक ट्रेडिंग तंत्र बनाने का भी प्रयास करता है ! इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी और राज्यों द्वारा लगाया ‘मंदी शुल्क’ भी छूट जायेगा जिससे जनता को कम दाम में पहुँच सकेगा लेकिन मंदी सिस्टम और न्यूनतम समर्थन मूल्य को खत्म नहीं किया गया ! [1]
‘मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा विधेयक पर किसानों का समझौता’ के तहत, किसानों को अपनी उपज ऐसी कंपनियों, प्रोसेसर, थोक विक्रेताओ, निर्यातको या बड़े खुदरा विक्रेताओ को भविष्य की तारीख में पूर्व-सहमत मूल्य पर बेचने की अनुमानी देता है ! इस विधेयक से (पाँच हेक्टेयर से कम कृषि व्यवसाय के मालिक) छोटे और सीमांत किसानों से जोखिम और अनपेक्षितता के बोझ को शिफ्ट करना और किसानों को आधुनिक तकनीकों तक पहुँच प्रदान करना, खेती की लगत कम करना और किसानों की आय बढ़ाना ! [1]
‘आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक’ के तहत, अनाज, दलहन, तिलहन, प्याज और आलू को आवश्यक वस्तुओ की सूची से हटाना और स्टॉकहोल्डिंग पर अंकुश लगाना जब तक विशेष परिस्थितियां ना हो ! इस विधेयक से निजी क्षेत्र को लुभाना और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश लाना क्युकी रोज़ाना हस्तक्षेप कम हो जायेगा ! [1]
कुछ आवश्यक पहलू
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के डाटा के अनुसार, भारत में सबसे ज्यादा महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में किसानों द्वारा आत्महत्या की जाती है ! ‘पी सैनाथ’ की रिपोर्ट के अनुसार, आंध्रप्रदेश, पंजाब, कर्नाटक और महाराष्ट्र के किसान क्रमश 70%, 65%, 61% और 60% कर्ज में डूबे है ! [4] [5] ज्यादातर किसानों की आत्महत्या का मुख्य करण दिवालियापन और फसल की विफलता है ! ज़रा सोचे क्यूँ ? पंजाब की ‘भारतीय किसान यूनियन’ विरोध और प्रदर्शन कर रही !
नोट करने वाली बात ये है व्यक्तिगत किसानों ने इसका समर्थन ही किया है लेकिन खासकर पंजाब की किसान संघ इसका विरोध कर रही और वहाँ की सरकार क्युकी सबसे ज्यादा मंदी टैक्स वसूली की जाती है इन राज्यों में !
किसान से सीधे संवाद
महाराष्ट्र के कुछ किसानों की राय के हिसाब से समर्थन [6]
- धुले किसान ने कहा, “मोदी सरकार द्वारा लाए गए विधेयक से किसानों की सारी मज़बूरी दूर करदी है और अब हम फसल पुरे देश में बेच सकते है साथ में मै एसके लिए मोदी सरकार का धन्यवाद देता हूँ !”
- धुले दूसरे किसान ने कहा, “अब उन्हें लगता है की केंद्र सरकार देश के किसानों का समर्थन कर रही है !”
- धुले तीसरे किसान ने कहा, “सरकार ने जो निर्णय लिया है वह किसानों के हित में है ! पहले हमें फ़सलों का अपेक्षित मूल्य नहीं मिल रहा था और अब मुझे लगता है कि केंद्र सरकार हमारे साथ खड़ी है और देश के किसानों का समर्थन कर रही है।“
उत्तरप्रदेश के कुछ किसानों की राय के हिसाब से समर्थन [7]
- मुरादाबाद महिला किसान सयमावती ने कहा, सरकार ने किसानों के हित में एक बड़ा कदम और अच्छा कदम उठाया है ! यह उनके लिए अच्छा होगा क्युकी वो देश में कहीं भी मंडियों के बाहर अपनी उपज बेच सकेंगे !
- गोरखपुर किसान राजीव अस्थाना ने कहा, भारत और उनके किसानों के हित में है ! इन जैसे बिलो को पास करके सरकार ने किसानों को खुशी दी है और बिचौलियों को हटा दिया है ! ये किसानों के हित में और खुशहाली लाएगा ! भारत कृषि प्रधान है !
- कानपुर किसान रमन ने कहा, बिचौलियों को हटाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद देता हूँ ! पहले ख़रीददारी को हमारी उपज कम कीमत मिलती थी और अब उन्हें बाजार में उच्च कीमतों पर बेच सकूँगा ! मै इस बिल का समर्थन करता हूँ !
मध्यप्रदेश के कुछ किसानों के राय के आधार पर समर्थन [7]
- जबलपुर किसान सुनील पटेल ने कहा, बिल किसानों के लिए फ़ायदेमंद है लेकिन गलत सूचना फैलाई जा रही है ! उन्होंने ये भी कहा सरकार को किसानों को यह समझाने के लिए कदम उठाने चाहिए की बिल क्या है और उन्हें कैसे लाभ होगा ! कुछ किसान इसे ठीक से समझ नहीं पा रहे है !
- जबलपुर किसान गोविन्द पटेल ने कहा, सरकार ने संसद में विधेयक को मंजूरी दे दी है जिसमे मंडियों के बाहर, एमएसपी, अनुबंध खेती और बिक्री उपज तो स्पष्ट है लेकिन कुछ बिंदु ऐसे है जिन पर राज्य स्तर पर किसानों के चर्चा की जानी चाहिए ! यही ये बिल अपने उद्देश्य में विफल होता है तो क्या सरकार पिछले कानून पर वापस जायेगी !
बिहार के कुछ किसानों के राय के आधार पर समर्थन [8]
- उधमपुर किसान सचिन शर्मा ने कहा, मैं कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को धन्यवाद देना चाहता हूँ और दिल से समर्थन करता हूँ ! वे भविष्य में कृषि में अधिक युवाओं को प्रोत्साहित करेगा !
- उधमपुर किसान हाजी ने कहा, मैं इस बारे में खुश हूँ और मै कृषि मंत्री जी को धन्यवाद देता हूँ ! विधायको मज़बूती से लागू किया जाना चाहिए !
- मुजफ्फरपुर किसान राम दयाल सिंह ने कहा, मै इन विधेयकों का स्वागत करता हूँ जो बहुत आशा जनक है ! यह बिल किसानों को लाभ प्रदान करेगा ! ये बिल सभी किसानों के हित में है !
संदर्भ
[5] राज्यों की २०१७ की रिपोर्ट
[6] महाराष्ट्र धुले के किसानो की राय
[7] यूपी और मध्यप्रदेश किसानो की राय