Indian Army Captured Area Of 1962 which was illegal captured by China
China Lost Some Part Of Chinese's Occupied Indian Territory |
भारतीय सेना ने वापस कब्ज़ा की 1962 मे खोई हुई छोटी जगह
दिनांक 31 Aug 2020 को टेलीग्राफ यूके मे छपी रिपोर्ट के अनुसार “दिनांक 29 Aug 2020 रात को चीन के 500 सैनिकों ने चुशुल गांव के पास भारतीय क्षेत्र को पार करने की कोशिश की लेकिन संघर्ष (जो तीन घंटे तक चली) के बीच भारतीय सैनिकों ने चीनी शिविर (जो ४ किलोमीटर अंदर और जिसका नाम black-Top Post) पर कब्ज़ा वापस छीन लेता है ! अगले दिन सुबह, भारतीय सेना की एक स्पेशल बटैलियन ने चीनी शिविर पर कब्ज़ा कर लिया है जिसमे कोई आहत नहीं हुआ ! असल मे चीनी सैनिकों ने ‘चुसुल’ गांव के पास नया मोर्चा खोला था !”
चीनी पार्टी आर्मी के वेस्टर्न थियेटर कमांड के प्रवक्ता ‘झांग शुएली’ ने कहा की “भारत के कदम ने चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता का गंभीर रूप से उल्लंघन किया है, चीनी-भारतीय सीमा क्षेत्र की शांति और स्थिरता को गंभीर रूप से कमजोर किया है और इसके खिलाफ विद्रोह किया है ! हम पूरी तरह से भारतीय पक्ष से अनुरोध करते है की वह अपने अवैध रूप से पार कर रहे सैनिकों को तुरंत वापस ले ! ” वही दूसरी तरफ उसकी पार्टी के विदेश मंत्रालय ने भारतीय सैनिकों पर चीनी क्षेत्र को कब्ज़ा करने का आरोप लगाया ! भारत के विदेश मंत्री एस जय शंकर ने एक बात की ओर इशारा करते हुए कहा, “दोनों देशों के बीच तनाव सबसे ज्यादा है क्युकी दोनों ने 1962 मे चीन-भारतीय युद्ध के बाद संघर्ष विराम पर सहमति जताई थी !” [1]
ध्यान देने वाली बात है भारत के विदेश मंत्री की क्युकी विदेश मंत्री जी ने बात करी सन 1962 की जिसका मतलब चीन ने जितनी जगह कब्ज़ा करी है सब वापस लेने की बात चल रह है जंग से या बात से ! हो सकता है ये एक कदम हो उस ओर ! वहाँ पर चीनी पार्टी (पार्टी ओर सेना एक है) कैमरे ओर सेंसर (जो भारतीय सेना पर नजर रखने के लिए लगाये) के लगाने के बावजूद, भारतीय सेना ने वापस लेने मे सफलता पाई है जो की बहुत ऊचाई पर है ओर अब कैमरा ओर सेंसर को हटा दिया है ! [3]
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India & China Send Tanks To Border |
चीन और भारत ने वाहन अब क्या तैनात किये
भारतीय सेना ने बख्तरबंद रेजिमेंट के साथ बीएमपी इंफेंट्री कॉम्बैट वाहन और टैंक भी तैनात करदी है ! इस भारतीय सेना की करवाई से चीन ने अपने type-15 हलके टैंक तैनात किये जबकि भारत ने अपने t-90 उतरा है ! चीन के टैंक हलके लेकिन भारत के टैंक के मुकाबले नहीं टिकते जो दुनिया मे सबसे खतरनाक टैंक मे गिना जाता है और साथ मे इसमे ‘केमिकल और जैविक’ हथियार को भी झेलने की छमता है ! हथियार मे भारतीय टैंक का मुकाबला नहीं लेकिन चीन का हल्का टैंक है जो थोड़ी तेज़ गति से चलता है लेकिन भारतीय भीस्म टैंक चीन के लिए सिरदर्द होगा की इसको कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगे ! [6]
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India is not afraid of Chinese jackals! |
चीनी पार्टी की गीदड़भभकी
चीन ने अभी यूरोप के एक देश ‘चेक रिपब्लिक’ के ‘ताइवान’ जाने पर गीदड धमकी दी ! [2] एक बात ध्यान देना अब की चीन खुद मानने लगा की भारतीय सेना आक्रामक रुख दिखाया है जबकि अक्साई चिन का कुछ हिस्सा है ! आपको ध्यान होगा सन 2014 के पहले भारत मे मीडिया द्वारा सिर्फ पाकिस्तान का डर दिखाती थी जो अब की सरकार ने चीन की तरफ मोड़ दी है ! एक छोटे और सीधे शब्दों मे
- पहला, पाकिस्तान नीति : मोदी सरकार ने पहले पाकिस्तान जाकर पाकिस्तान से हाथ मिलाने मे कोई कसर नहीं छोड़ा लेकिन पाकिस्तान के छूरा भोकते ही भारत ने उसको बर्बाद और अलग थलग करने मे कोई कसर नहीं छोड़ा !
- दूसरा, कश्मीर नीति : मोदी सरकार ने पहले अपने दुश्मन पार्टी ‘पीडीपी’ से हाथ मिलाया और उससे दोस्ती करने की कोशिश की लेकिन उसने भी धोखा दिया जिसके बाद, कश्मीर से धारा खत्म, महबूबा जेल भेजी गई थी !
- तीसरा चीनी नीति , मोदी सरकार ने चीन से हाथ मिलाने के लिए कितनी मीटिंग की लेकिन चीन ने वही गलती करी हमारे सैनिक शहीद करके अब क्या होगा आगे हम और आप एक अंदाजा लगा सकते है !
दिनांक 28 Aug 2020 को सीडीएस बिपिन रावत ने कहा था, अगर बातचीत से मामले हल नहीं होते तो सैन्य विकल्प टेबल पर है ! [5]
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India Deployed secretly SPP Betalion |
भारतीय सेना की कौन सी टुकड़ी
भारत की सेना जिसने ये काम किया उसका नाम है ‘स्पेशल फ्रंटियर फ़ोर्स’ (जिसको सन 1962 मे चीनी युद्ध के बाद बनाया गया था !) को घातक फ़ोर्स मे भी गिना जाता है ! इसमे पहले तिब्तियन जनता को लिया जाता था लेकिन बाद मे अन्य लोगो को भी लिया जाने लगा ! इस फ़ोर्स को खासकर चीन को ध्यान मे रखकर बनाई गई थी जिसको पास उच्च श्रेणी का प्रशिक्षण होता है ! भारत मे इसके करीब १०००० सैनिक है जो रा के अंदर काम करते है ! [8]
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America Want Alliance Like Nato With India, Japan, Australia |
अमेरिका का साथ
दिनांक 01 Sep 2020 को जैसे ही न्यूज़ दुनिया मे चलने लगी यूएस डेप्युटी सेक्रेटरी ‘स्टेफन बिएगुन’ ने पहली बार खुले मंच से कहा, “यूएस चाहता है नाटो जैसा संगठन इंडिया, ऑस्ट्रेलिया, जापान के साथ बन जाये चीन को सबक सिखाने के लिए, साथ मे भारत के बिना इंडो-पेसिफिक मे कोई रणनीति काम नहीं करेगी !” अमेरिका ने खुले मंच से भारत का समर्थन करते हुए एक कदम बढ़ाया है लेकिन नाटो जैसे संगठन का मतलब है अगर अमेरिका से चीन की लड़ाई होती है भारत को ना चाहते हुए भी वार मे कूदना पड़ेगा जो भारत के लिए नुकसान हो सकता है और इसलिए भारत को इस नाटो जैसा नहीं Quad को अपग्रेड किया जा सकता है ! [7]
नोट : भारत ने युद्द्पोत‘साउथ चाइना सी; मे उतरा ! अधिक जानकारी के लिए !
संदर्भ
[2] चीन ने यूरोप के देश को दी धमकी
[3] भारतीय मिडिया ने भी कन्फर्म किया
[4] चीनी अखबार के चीनी पार्टी के लेखक ने कबूला
[6] भारत ने भीस्म और चीन टेंक उतारे