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Sep 16, 2020

रामेश्वरम में तीव्र गति से ऊर्ध्वाधर लिफ्ट रेलवे पुल का निर्माण

Construction of vertical lift railway bridge at Rameswaram at a rapid pace


New Rameswaram Vertical Lift Railway Bridge

रामेश्वरम में वर्टिकल लिफ्ट रेलवे पुल का निर्माण तीव्र गति से

दिनांक 13 Sep 2020 को केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री ‘प्रकाश जावडेकर’ ने रामानंदस्वामी मंदिर के भक्तो के लिए एक जानकारी साझा किये है ! केंद्र सरकार तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक वर्टिकल लिफ्ट रेलवे समुद्री पुल के निर्माण को पूरा करने के लिए पुरे जोर-शोर से काम कर रही है ! केंद्रीय मंत्री ने ‘इंजीनियरिंग दिन’ पर एक एनीमेशन वीडियो साझा किया है जो इंजीनियर द्वारा समुद्र पर पुल निर्माण किये जा रहे वो एक अदभुद नज़ारा है !


प्रधानमंत्री मोदी ने Mar 2019 में कन्याकुमारी से इस प्रतिष्ठत परियोजना की आधारशिला रखी थी जो दो किलोमीटर लम्बे और भारत के मुख्यभूमि मंडपम को पंबन द्वीप (रामेश्वरम नाम से जाना जाता और यहाँ पर एक मंदिर जो हिंदू संस्कृति के 12 ज्योतिलिंग में से एक ज्योतिलिंग है) से जोड़ता है ! देश का पहला वर्टिकल प्रक्षेपण रेलवे पुल है जो की ‘रेलवे विकास निगम RVNL’ द्वारा बनाया जा रहा जिसकी लगत 250 करोड़ रु है ! पंबन पुल सन 1914 में पूरी तरह से चालू हो चुका था जो बर्बाद हो गया ! [2]


साथ में एक प्रोजेक्ट और चल रहा जो रामेश्वरम को धनुषकोडी को जोड़ेगी जो 17 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन होगी और जिसका खर्च 208 करोड़ रु का आएगा ! धनुषकोडी हिंदू संस्कृति में अपनी मान्यता की यहाँ डुबकी ले तो पवित्र मना जाता है ! धनुषकोडी से रामसेतु की शुरुआत होती है जो हिंदू ग्रन्थ रामायण का बहुत ज़रुरी हिस्सा है !



New Project Rameswaram Railway Project Map
Project Rameswaram Railway Project Map As Well As Previous Govt Want To Alter RamSetu


कांग्रेस राम को काल्पनिक और राम सेतु को तोड़ना चाहती थी 

सन 1999 को एनडीए सरकार ने ‘सेतुसमुद्रम परियोजना’ की घोषणा करी जिसके तरह ‘इंडिया ओसियन’ से जाने वाले जहाज़ भारत और श्रीलंका के बीच से जाने का प्लान था ! सन 2000-2001 में सरकार ने योजना की व्यवहार्यता अध्ययन के लिए धन भी आवंटित किया था ! सन 2005 मनमोहन सरकार ने इस परियोजना का उदघाटन कर दिया लेकिन परियोजना का विरोध विभिन्न समूहों जैसे पर्यावरण समूहों, हिंदू समूहों ने भी किया था ! सन 2013 में कांग्रेस द्वारा बनाई गई कमेटी रिपोर्ट के बाद, सुप्रीम कोर्ट में ‘वाल्मीकि रामायण’ और तुलसी दस की ‘रामचरित्रमानस’ का हवाला देते हुए एक याचिका डाली गई ! जिसमे मनमोहन सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक लिफाफे देकर बताया की राम-सेतु मानव निर्मित नहीं है और वो 103 छोटे छोटे चट्टानों से मिलकर बना (जिसका मतलब था रामायण का कोई इतिहास नहीं और भगवान राम मौजूद नहीं थे) जिसपर संगठनों के विरोध पर हलफनामे को वापस लेना पढ़ा और दो ASI के अधिकारियो को निलंबित करना पड़ा था ! [2] 


RamSetu Case Details In Short

सन 2014 बीजेपी के स्वामी जी ने सुप्रीम कोर्ट से यह सत्यापित करने के लिए कहा की क्या रामसेतु इस परियोजना से प्रभावित होगा ! सन 2016 (मोदी सरकार के आने बाद)  में सुप्रीम कोर्ट ने कहा अगर पुल परियोजना से प्रभावित होगा तो उससे संपर्क कर सकते ! सन 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को छह हफ्ते में पौराणिक राम सेतु पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहा ! सन 2018 को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा की “राम सेतु के जरिये रास्ता काटने से ‘सामाजिक-आर्थिक नुकसान’ हो सकता है”



आत्मानिर्भर और प्रेरित कहानी, पंजाब युवक ने जॉब जाने के बाद महामारी को अवसर में बदल दिया, विदेशों से मिले रहे ऑर्डर !


संदर्भ 

[1]  रेलवे का पंबन पुल 

[2] कांग्रेस का रामसेतु को काल्पनिक बताना 


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