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Sep 29, 2020

अच्छा कदम: सरकार ने ज़ब्त किये एमनेस्टी के खाते, एमनेस्टी ने बंद किया देश में काम !

Govt Seized Amnesty International A/c's, Good News 4 India



2012 Us Rally, No Amnesty

एमनेस्टी इंटरनेशनल का एकाउंटेंट किया ज़ब्त

दिनांक 29 Sep 2020, भारत में गलत गतिविधियों में लिप्त ‘एमनेस्टी इन्टरनेशनलके विभिन्न बैंक खातों को भारत सरकार ने दिनांक 10 Sep 2020 को भारत की सुरक्षा और संप्रभुता को देखते हुए रोक लगा दी है जिसके चलते एमनेस्टी इन्टरनेशनल ने भारत में अपने सारे काम रोक दिए है ![4]


Anti India Amnesty Game Over

एमनेस्टी के कहा की यह भारत में कर्मचारियों को जाने देने और सभी चल रहे अभियानों और अनुसंधान कार्यों को रोकने के लिए मजबूर किया किया है ! एक ऐसे आन्दोलन के लिए जिसने अन्याय (नोट: 'दिल्ली दंगे' केस कोर्ट में चल रहा उसको अन्याय) के खिलाफ आवाज़ उठाने के अलावा कुछ नहीं किया, यह ताज़ा हमला अंसतोष को शांत करने के लिए है ! आगे एमनेस्टी दावा कर रही की एमनेस्टी भारत में सभी लागू क़ानूनों का पूर्ण अनु पालन करता है ! यहाँ तक एमनेस्टी ने गलत शब्दों का इस्तेमाल करते हुए बोला “मानवाधिकार संगठनों के ‘डायन-हंट’ में केंद्र द्वारा खातों को ज़ब्त कर रही है” [4] जबकि एमनेस्टी के ऊपर बहुत से आरोप लगते आयें है ! एमनेस्टी इंटरनेशनल भारत के हर अंदरूनी मामलो में दखल देता रहा है !



Students Protest Against Amnesty Anti India Proaganda

एमनेस्टी इंडिया में कब कहाँ और क्या 

  • एंटी-इंडिया गतिविधियों : दिनांक 16 नवंबर 2019, एमनेस्टी के दिल्ली और बेंगलुरु कार्यालयों पर ‘केंद्रीय जाँच ब्यूरो सीबीआई’ ने छापा मार कर बताया था की ‘नॉन-प्रोफिट’ को कानूनों (FCRA) के उल्लंघन में विदेशी धन प्राप्त हुआ था साथ में गलत गतिविधियों में लिप्त पाया था ! [1] एमनेस्टी के सुधा भारद्द्वाज, रोना विल्सन, वरवारा राव जैसे कार्यकर्ताओ को सुरक्षा एजेंसी द्वारा गिरफ्तार कर चुकी है क्युकी वो माओवादी विचारधारा होने की वजह से गलत गतिविधियों में लिप्त थे
  • एंटी-इंडिया प्रोपगंडा : दिनांक 22 Oct 2019, एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भारत सरकार द्वारा धारा 370 खत्म करने के मसले को एकतरफ़ा बताते हुए इंटरनेशनल मामला बनने के उद्देश्य से अमेरिकी कांग्रेस में गवाही दी थी साथ में दिल्ली दंगों पर अन्तर्राष्ट्रीय ध्यान लाने की कोशिश भी कर रहा था ! [3]
  • अवैध फंड : दिनांक 06 सितंबर 2019, ‘परिवर्तन निर्देशालय ईडी’ ने भी आरोपों की जाँच की थी जिसमे पाया गया की ‘एमनेस्टी इन्टरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड’ ने विदेश से आने वाले फंड FCRA कानूनों का उल्लंघन किया था या नियमों दरकिनार किया था ! ईडी’ ने एमनेस्टी द्वारा विदेश से प्राप्त करीब 52 करोड़ रुपये का उल्लंघन मानते हुए एक नोटिस भी जारी किया था ! [2]
  • FCRA नियम : सरकार ने कहा एमनेस्टी इन्टरनेशनल ने FCRA के तहत भारत में कभी पंजीकृत नहीं किया गया था जो विदेशी दान प्राप्त करने के लिए आवश्यक है ! 
  • विदेशी सरकार से लिंक : दिनांक 05 Sep 2019 को एमनेस्टी इंटरनेशनल ने विदेशी सरकारों (ब्रिटेन, मुस्लिम देशो) से धन प्राप्त किया हालांकि उन्होंने ऐसे किसी भी दान से इनकार कर दिया था। जैसा कि एनजीओ मॉनिटर द्वारा रिपोर्ट किया गया है, 2009 में, एमनेस्टी को उन सरकारों से € 2.5 मिलियन (इसके दान का लगभग 1%) प्राप्त हुआ जो वे भारत में इसके संचालन के लिए उपयोग करते थे । [5]


एक खास बात एमनेस्टी के बड़े अधिकारी समय समय पर भारत की सरकारों के खिलाफ रही ! एमनेस्टी के अधिकारियो ने बड़ी संस्थाओं पर बैठे होने के साथ प्रधानमंत्री के समर्थकों को ‘मोदी भक्त’ के नाम से पुकारना शुरू कर दिया था जो मुसलमानों को खुश करने के लिए ‘छ्द्र धर्मनिरपेक्षता’ का एजेंडा शुरू कर दिया था ! कभी सोचा है, भारत जैसे लोकतंत्र में इन जैसी संस्थाएँ सरकार के कामों दखल देती है जबकि कट्टरवादी देशों (जैसे सीरिया, पाकिस्तान और अन्य) में इंसानों के ऊपर हो रहे अत्याचारों पर कितना काम किया या वहाँ की सरकारों से कितने सवाल किये !  हां एक खास बात, एमनेस्टी इंटरनेशनल जैसी संस्था ने ही कट्टरवादी देशों से मुस्लिम प्रवासियों को स्वीडन और नॉर्वे जैसे देशों में बस्वाया और उसके बाद हाल में घटनाओं पर आपको ध्यान होगा ! 





गया के किसानों की राय किसान बिल पर



संदर्भ 

[1] सीबीआई ने पाया की एमनेस्टी गलत गतिविधियों से लिप्त 

[2] ईडी की जाँच में सही पाया था  

[3] भारत के द्वारा हटाये गए धारा 370 को इंटरनेशनल मामला बनाने की कोशिश 

[4] एमनेस्टी की फंड लेने और भारत में बंद हुई

[5] एमनेस्टी में विदेशी सरकारों से पैसा 


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