Why Punjab & Haryana Farmers Union Only Wants Middlemen?
पंजाब और हरियाणा यूनियन का भारत बंद फेल
दिनांक 20 Sep 2020 को केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लेकर तीन बिल पास करने के बाद से सिर्फ पंजाब और हरियाणा में स्थित यूनियन ने ही विरोध किया था जबकि बाकी प्रदेश में समर्थन नहीं मिलता दिख रहा है जिसमे कांग्रेस, अकाली जैसे पार्टियां भी विरोध कर रही ! ऐसा इसलिए भी कहा जा सकता था क्युकी कांग्रेस सहित विभिन्न पार्टियों और दोनों प्रदेश की यूनियन ने तीन दिन भारत बंद बुलाया था जिसमे सिर्फ पंजाब और हरियाणा छोड़कर कहीं भी इसका असर देखने को नहीं मिला क्युकी बाकी हिस्से के किसानों ने कांग्रेस, अकाली और उनकी यूनियन द्वारा बुलाए बंद के लिए सड़को पर नहीं उतरे !
हरियाणा और पंजाब कांग्रेस, अकाल, यूनियन का विरोध क्यूँ
विभिन्न एक्सपर्ट के अनुसार, नए बिल किसानों को दो तरह के विकल्प देता है चाहे तो किसान मंडी में बेच सकता या सीधे किसी भी कंपनी, मार्केट, व्यक्ति को बेच सकता जहाँ अच्छी आमदनी हो ! असल इस बिल के पास होने से ज़मीनी स्तर पर किसानों पर फायदे की वजह से पार्टियों को समर्थन ना मिलना सिर्फ दो राज्यों छोड़कर ! बिहार जैसे राज्यों में तो सरकार ने पहले ही मंडी सिस्टम को खत्म कर दिया था जहाँ किसान के आत्महत्या करने की दर बहुत कम है लेकिन महाराष्ट्र और पंजाब जैसे राज्यों किसानों की आत्महत्या करने के मामले बहुत अधिक !
पंजाब में ‘एपीएमसी’ अधिनियम के तहत, किसानों की उपज पर 8.5 % का कर लगाया जाता है जिसमे राज्य सरकार को 6% और बिचौलियों को 2.5% कमीशन शामिल है ! सिर्फ पंजाब में 36000 से ज्यादा बिचौलिए जो प्रति वर्ष 1600 करोड़ रूपए कमा रहे और 3 लाख कर्मचारी जो प्रति वर्ष 1100 करोड़ रूपए कम रहे है ! किसान अगर बिचौलियों से दूर रहकर उपज को बेचेगा तो सरकार का जो राजनीतिक लाभ है वो कम हो जायेगा इसलिए पंजाब के सीएम अमरिंदर खुलकर विरोध कर रहे है ! दूसरी तरफ, पंजाब के किसान इसलिए चिंतित है की सरकार एमएसपी की कीमतों पर उनकी उपज नहीं खरीदेगी लेकिन प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों ने खुले मंच से स्पष्ट कर दिया की सरकार एमएसपी में किसान की उपज खरीदना जारी रखेगी, इसकी एक वजह और भी है क्युकी सरकार 80 करोड़ लोगो को राशन की आपूर्ति हर महीने करती है तो ख़रीद तो होना ही है जो एक डर राजनीतिक पार्टियों द्वारा अपने फायदे के लिए फैलाया जा रहा !
कांग्रेस, वामपंथी, आप और अन्य पार्टियों की खुली पोल
दिनांक 20 Sep 2020 को बिल पास होने के बाद, पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने अम्बाला में एक ट्रेक्टर को जलाया गया था उसी जले हुए ट्रेक्टर को ट्रक से कांग्रेसी नेताओं ने अम्बाला से दिल्ली के इंडिया गेट के पास लाकर वहाँ उतर पर जलाया ! एबीपी न्यूज़ के रिपोर्टर ने ट्रेक्टर मामले में कांग्रेसी नेताओं की पोल खोल दी साथ ही मुद्दे को दुनिया की नजर खींचना चाहते है ! इंडिया गेट पर जलाने वाले छह कार्यकर्ताओ को हिरासत में ले लिया गया है सभी कांग्रेस के कार्यकर्ता है ! स्वर्जनिक संपत्ति अधिनियम, भारतीय दंड सहित की धारा 188, आपदा प्रबंधन अधिनियम और महामारी रोग अधिनियम की गैर-जमानती धाराओ सहित विभिन्न धाराओ के तहत मामला दर्ज किया है जो सही भी है !
यूपी, बिहार, कर्नाटक जैसे राज्यों में किसान यूनियन भी साथ नहीं दे रही लेकिन कांग्रेसी, सपा और उनके समर्थक नेताओं ने कोरोना महामारी के समय विरोध प्रदर्शन किया ! सन 2019 के कांग्रेस के मेनिफेस्टो में किसान को मंडी सिस्टम से छूट देने की बात कही गई थी लेकिन आज विरोध कर रही है उसी तरह सन 2012 में कपिल सिब्बल ने लोकसभा में चिल्ला चिल्ला कर बोल रहे किसान की जरुरत है लेकिन आज कांग्रेस विरोध कर रही !
अकाली दल और कांग्रेस नेताओं द्वारा बताया जा रहा पंजाब को मंडी यॉर्ड में बदल दो लेकिन एक्सपर्ट कहना है इससे पंजाब के किसानों को भारी नुकसान होगा ऊपर सरकारों के लिए इतने बड़े लेवल पर मंडी को संचालित करने में भी कई दिक़्क़तों का सामना करना पड़ेगा !
मध्यप्रदेश के किसान की राय
संदर्भ
[1] किसान का डर बे वजह, राजनीतिक पार्टियों ने फैलाई अफ़वाह
[2] कांग्रेस के चंद कार्यकर्ता महामारी के चलते हिरासत में