The madrasa system will no longer be part of the government education system!
मदरसा प्रणाली अब सरकारी शिक्षा प्रणाली का हिस्सा नहीं रहेगा
असम मे शिक्षा मंत्री ‘हिमंत बिस्वा सरमा’ ने दिनांक 01 Sep 2020 को ‘विधान सभा’ मे शिक्षा क्षेत्र मे एक मोशन डिबेट मे भाग लेते समय बताया, मदरसा शिक्षा प्रणाली को पुनर्जीवित करने का कोई योजना नहीं है जो मूल रूप से पवित्र कुरान के धार्मिक प्रचार पर ज़ोर देती है ! भले ही संस्कृति के उपकरण को भले बंद कर दिया हो लेकिन प्राचीन अध्ययनों के केन्द्रों के रूप मे इन उपकरण को पुनर्गठन किया जायेगा ! शिक्षा मे मदरसा प्रणाली अब सरकारी शिक्षा प्रणाली का हिस्सा नहीं रहेगा ! [2][3]
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Education Minister Hemanta Biswa Sarma With Home Minister Amit Shah (Photo Credit : Twitter) |
पहले ही असम सरकार की योजना थी
दिनांक 13 Feb 2020, को असम के शिक्षा मंत्री ने कहा था की “असम सरकार ने राज्य के सभी मदरसों और संस्कृत के टॉप को हाईस्कूल और हायर सेकेंड्री स्कूलों को चार से पांच महीने मे बदलने का फैसला किया था ! सरकार को धार्मिक शिक्षा का खर्च वहन नहीं करना चाहिए ! इसलिए हमने ऐसी संस्थाओं को बंद करने का फैसला किया है ! उन्हों ने स्पष्ट किया की इस कदम का निजी तौर पर चलने वाले मदरसों और टोलो पर कोई असर नहीं होगा !” उस समय असम मे करीब 1200 मदरसा और 200 संस्कृत टोल्स थे ! सरकार ने हाईस्कूल और हायर सेकेंड्री स्कूलों के छात्रों को 10000 रु देने का निर्णय लिया था ! [1]
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संदर्भ
[1] असम की बीजेपी सरकार ने मदरसे को सरकारी शिक्षा मे बदलने का एलान
[2] सौर्स १ - असम सरकार के मंत्री ने बताया विधानसभा मे
[3] सोर्स २ – असम सरकार के मंत्री ने बताया विधानसभा मे