Family Of King Demands Part Land Of AMU Back On Expiry Of Lease
राजा परिवार ने ज़मीन वापस मांगी
दिनांक 15 Sep 2020, पिछले साल लीज खत्म होने पर, जाट राजा के वंशज ‘चंद्र प्रताप सिंह (पर-पोते)’ ने नोटिस भेजकर मांग की है की ‘अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय’ को दी गई दो ज़मीन में उन्हें एक वापस करदी जाए और दूसरे में उस स्कूल का नाम बदलकर राजा ‘महेंद्र प्रताप सिंह’ के नाम पर रखा जाए ! उन्होंने कहा की अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के लिए उनके पर-दादा द्वारा दी गई ज़मीन के दो हिस्से जो शिक्षा को बढावा देने के लिए दी गई थी लेकिन वो ज़मीन का बड़ा हिस्सा दान कर रहे जिसपर मसूदा-बाद स्थित ‘सिटी स्कूल’ है ! उन्होंने कहा की 1.2 हेक्टेयर भूमि के दूसरे छोटे टुकड़े को परिवार को वापस सौंप दिया जाना चाहिए या ज़मीन के मौजूदा बाजार मूल्य के अनुसार उन्हें मुआवजा दिया जाना चाहिए। [1]
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ने आपात बैठक बुलाकर मामले की जाँच करने और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए एक समिति का गठन किया जिसके अध्यक्ष तारिक मंसूर है !
पूरा विवाद क्या है
सन 1929 को स्वतंत्रता सेनानी, पत्रकार, लेखक, क्रांतिकारी और पूर्व राजा ‘महेंद्र प्रताप सिंह’ (1886-1979) ने अपनी शिक्षा ‘मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज’ से प्राप्त की (जो अब मुस्लिम अलीगढ़ यूनिवर्सिटी के नाम से जाना जाता) और शिक्षा को बढावा देने के लिए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को 90 साल की लीज पर स्कूल स्थापित करने के लिए 3.04 एकड़ ज़मीन 2/- रूपए की दर से दी थी ! सन 2018 में ये लीज अपना समय पूरा कर और लीज खत्म हो गई है ! [2]
कुछ खास बातेँ
- राजा सिंह को सन 1932 में नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया था ! सन 1957-1962 में जब आज़ादी के बाद तीसरी सरकार बनी थी उसमे मथुरा क्षेत्र से ‘राजा सिंह’ ने प्रचंड नेता ‘अटल बिहारी बाजपेयी’ को हराया था !
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले साल घोषणा की थी राज्य सरकार ‘राजा सिंह’ के नाम पर एक यूनिवर्सिटी स्थापित करेगी और बाद में यूपी कैबिनेट ने पूर्व राजा के नाम पर एक यूनिवर्सिटी के निर्माण की मंजूरी दी ! ये विवाद तक आया जब अलीगढ़ यूनिवर्सिटी के परिसर में पाकिस्तान के संस्थापक जिन्ना की फोटो लटकाई गई थी साथ में जिन्ना को अलीगढ़ यूनिवर्सिटी के छात्र संघ का आजीवन सदस्य बनाया गया !
- इसी साल की शुरुआत में, अलीगढ़ युनिवसिटी ने ‘सीएए’ विरोध प्रदर्शन में यूपी पुलिस के ऊपर पत्थर चलाये थे जिसमे कई घायल हुए थे और इस युनिवसिटी में सीएए-विरोधी ‘ओपन टॉक’ नामक में स्वराजइंडिया के योगेन्द्र यादव उर्फ शालीम शामिल हुए थे !
Kedarnath or heaven? It`s one and the same..! pic.twitter.com/VvG5MJqPpq
— Vertigo_Warrior (@VertigoWarrior) September 18, 2020
केदारनाथ की जाने वाली खूबसूरत रास्तों का वीडियो
न्यूज : आम नागरिक अधिकार का आना तय ! सुप्रीम कोर्ट और डॉक्टर बालासाहब आंबेडकर ने उस समय किया था समर्थन ! अधिक जानकारी के लिए !
संदर्भ