Wire Rohini Singh fake stories against police using Girl As a Victim.
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Rohini Singh deleted its fake propaganda tweets after Police Commissioner reacted. |
दा वायर की रोहिणी सिंह का फिर फर्जी ट्वीट
दिनांक 18 Sep 2020 को दा वायर की पत्रकार रोहिणी सिंह ने उत्तरप्रदेश में विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस कर्मियों के हाथों महिला प्रदर्शनकारियों के यौन उत्पीड़न दावा करते हुए ट्विट्टर पर लिखा जिसमे वो बताने की कोशिश कर रही अगर माँ है तो ऐसी तस्वीर देख गुस्सा आना चाहिए, पिता है तो चिंता होनी चाहिए, भाई है तो खून खोलना चाहिए ! आगे उत्तरप्रदेश की छवि बदनाम करते हुए लिखती है, बेटियां घर से निकले तो बलात्कार, छेड़खानी जैसी घटनाएँ तो अब यूपी में आम बात है पर अब खुद पुलिस द्वारा उनके साथ ऐसा बर्ताव? ये ‘राम राज्य है ?” [1]
नोट : जनता के बीच खोल खुलते देख ट्वीट को डिलीट कर दिया है लेकिन माफ़ी अभी तक नहीं मांगी है !
रोहिणी सिंह और उनके मालिक ‘सिद्धार्थ’ का ये पहला झूठ नहीं इससे पहले उनके “एक आर्टिकल में गुजरात के वेंटिलेटर खरीब के भ्रस्टाचार” के दावे पर ‘प्रेस ब्यूरो ऑफ इंडिया’ ने भी पोल खोल चुकी है जिसके बताया गया, वो ख़रीदे नहीं गए थे जबकि सच्चाई वेंटिलेटर दान में मिले थे ! [2]
Rohini's propaganda busted by the victim herself! https://t.co/kFDUbMNscL pic.twitter.com/aqW2bsQjV2
— Political Kida (@PoliticalKida) September 18, 2020
महिला प्रदर्शनकारियों ने किया खंडन
उसी दिन जब महिलाओ को पता चला, ऐसे कुछ पत्रकार कर रहे है तो महिला प्रदर्शनकारी ‘कांची सिंह’ ने तुरंत वीडियो जारी करते हुए उन आरोपों का खंडन करा जिसमे यूपी को बदनाम करने के लिए यूपी पुलिस पर आरोप मढे जा रहे थे ! लखनऊ विश्वविद्यालय के गेट नम्बर एक के पास विरोध प्रदर्शन में बारे में महिला ने कहा की “उन्होंने (पुलिस) मुझे मेरी हुलिया (लड़कों वाला) के कारण मुझे लड़का (पीछे से) समझ मुझे वैन में बैठा दिया ! उन्होंने कुछ नहीं किया ! कुछ भी जानबूझकर नहीं किया गया था ! ‘उत्पीडन’ का सिद्धांत ग़लतफ़हमी है !”
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Tweet By Police Comissioner |
लखनऊ पुलिस ने किया खंडन
लखनऊ के पुलिस कमिश्नर ने रोहिणी सिंह की फर्जी पत्रकारिता या ट्वीट का जवाब दिया ! उन्होंने उसमे बताया की कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए प्रदर्शनकारियों को हटाना ज़रुरी था भीड़ अधिक होने के कारण, वेषभूषा के कारण महिला या पुरुष का भेद कर पाना मुश्किल हुआ अतः भूल वश पुलिसकर्मी द्वारा पुरुष समझकर हटाया गया ! खुद महिला प्रदर्शनकारियों ने भी बताया की ऐसा वेषभूषा के चलते भ्रम वश हुआ !”
रोहिणी सिंह के दावे पर सवालिया निशान
रोहिणी सिंह की पत्रकारिता के हिसाब से उत्तरप्रदेश ही देश में सबसे ज्यादा यौन उत्पीड़न होते, जहाँ जनता, पुलिस, और नेता शामिल है ! रोहिणी सिंह एक ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल में काम करने वाली पत्रकार जो कोरोना महामारी में घर से बाहर तक ना निकली हो जो ज़मीनी स्तर पर कभी जाती नहीं हो लेकिन ऑफ़िस में बैठ कर आंकड़ों को बिना देखे, उत्तरप्रदेश सरकार को नीचा दिखाने के चक्कर में उत्तरप्रदेश को बदनाम करने में तुली है ! यौन उत्पीड़न का अंदाजा लगाया जा सकता है उसके लिए रेप के आंकड़े ‘एनसीआरबी’ के द्वारा जारी किये जाते है ! चलिए दिखाते है कुछ आँकड़े !
- संख्या के आधार पर
केस भारत में कुल 33356, मध्यप्रदेश में 5433, राजस्थान में 4335, उत्तरप्रदेश में 3946, महाराष्ट्र में 2142 और छत्तीसगढ़ में 2091 - प्रतिशत के आधार पर केस (प्रति लाख)
छत्तीसगढ़ में 14.7%, मध्यप्रदेश में 13.8%, दिल्ली में 13.3%, राजस्थान में 11.7%, केरला में 10.7% और उत्तरप्रदेश में 3.7% - जनसंख्या कितनी (सन २०११)
छत्तीसगढ़ 2.5 करोड़, उत्तरप्रदेश 20 करोड़, दिल्ली 1.67 करोड़, राजस्थान 6.85 करोड़, केरल 3.34 करोड़ और महाराष्ट्र 11.24 करोड़
देश का कुछ दुर्भाग्य है जो यौन उत्पीड़न होते है सीधे फाँसी देनी चाहिए !
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संदर्भ
[1] रोहिणी का ट्वीट (डिलीट कर दिया)