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Sep 22, 2020

FCRA बिल पास, एनजीओ के धर्मपरिवर्तन - राजनीतिक इस्तेमाल, गलत कामों पर लगेगी लगाम,

FCRA Amendment Bill 2020 Passed In LS, Ready To Change India



FCRA Bill Pass

FCRA बिल में संशोधन विधेयक पास 

दिनांक 20 sep 2020 को ‘FCRA विदेश अंशदान विनियमन संशोधन विधेयक’ को सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किया गया था जो विधेयक ‘विदेशी अंशदान अधिनियम 2010’ में संशोधन करता है ! यह विधेयक दिनांक 21 Sep 2020 को लोकसभा से पास हो गया है ! अब राज्यसभा में इसका पास पहले ही हो चुका है ! [1] भारत की जनता बहुत दिनों से इसकी मांग कर रही थी !



FCRA बिल क्या है 

यह अधिनियम व्यक्तियों, संघों और कंपनियों के लिए विदेशी योगदान की स्वीकृति और उपयोग को नियंत्रण करता है ! ‘विदेशी योगदान’ किसी विदेशी स्रोत द्वारा किसी भी मुद्रा का दान या हस्तान्तरण करना ! विधेयक के लागू होने के बाद कुछ बड़े बदलाव आयेंगे ! [1]

  • कुछ विदेशी योगदान पर रोक : इसके तहत, कुछ व्यक्तियों (चुनाव के उम्मीदवार, अखबार के संपादक या प्रकाशन, न्यायाधीश, सरकारी कर्मचारी, राजनीतिक दल और किसी भी विधायिका के सदस्यों) को किसी भी विदेशी योगदान को स्वीकार करने के लिए रोक लगाई है ! लोंकसेवक जो भारतीय दंड संहिता के तहत परिभाषित है ! 
  • उप-अनुदान पर रोक : इसके तहत, एक प्राप्तकर्ता (मुख्य-प्राप्तकर्ता) ऐसे किसी भी व्यक्ति, एसोसिएशन और कंपनी (उप-प्राप्तकर्ता या दूसरा प्राप्तकर्ता) को जो पंजीकरण ना या ना हो उसको फंड (विदेशी योगदान) हस्तांतरित नहीं कर सकता है !
  • आधार ज़रुरी : इस नियम के तहत, एक व्यक्ति विदेश से योगदान स्वीकार दो शर्त (एक – केंद्र सरकार से पंजीकृत और दूसरा – सरकार से पूर्व अनुमति प्राप्त करना होगा) पर ही ले सकता है ! पंजीकृत और पूर्व अनुमति लेने के लिए सभी पदाधिकारियों, निवेशकों के आधार संख्या देनी होगी ! अगर विदेशी है तो पासपोर्ट या ओवरसीज़ सिटीजन ऑफ इंडिया कार्ड की एक प्रति प्रदान करनी होगी ।
  • एफसीआरए खाता : इसके तहत पंजीकृत व्यक्ति को केवल केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित बैंक (एसबीआई) की शाखा में खाता खुलना होगा जिसमे केवल विदेशी योगदान ही जमा होगा इसके अलावा कोई नहीं ! पंजीकृत व्यक्ति और खाते भी खोल सकता है ! 
  • नियम उल्लंघन में प्रतिबंध : अगर कोई भी व्यक्ति इन नियमों का उल्लंघन करते पाया गया तो अप्रयुक्त और अप्रतिबंधित योगदान का उपयोग पर रोक लग जायेगी जब तक केंद्र सरकार की अनुमति होगी ! उसपर भी रोक लगा सकते जो ‘पूर्व अनुमति प्राप्त’ व्यक्ति को नियम का उल्लंघन में पाया गया तो ! 
  • लाइसेंस का नवीनीकरण : अधिनियम के तहत, किसी भी व्यक्ति (जिसे पंजीकरण का प्रमाण पत्र दिया गया है) को समाप्त के छह महीने के भीतर प्रमाणपत्र के नवीनीकृत करना होगा ! नवीनीकृत करने से पहले सरकार व्यक्ति की ‘बेनामी या काल्पनिक’, ‘साप्रदायिक तनाव पैदा करने या गतिविधियों में लिप्त’  या ‘धार्मिक रुपांतरण’ और साथ में किसी अन्य में धन का दुरुपयोग के लिए दोषी की जाँच कर सकती है !
  • प्रशासनिक ख़र्चों में कटौती : विदेश अनुदान प्राप्त करने वाले व्यक्ति को केवल उसी उद्देश्य के लिए इसका उपयोग करना चाहिए जिसके लिए योगदान प्राप्त हुआ है साथ उन्हें प्रशासनिक ख़र्चों को पूरा करने के लिए सीमा को 50% से घटाकर 20% कर देता है !
  • निलंबन : सरकार किसी व्यक्ति के पंजीकरण को 180 दिनों से अधिक के लिए निलंबित कर सकती है साथ जरुरत पड़ने पर अतिरिक्त 180 दिनो को बढ़ाया जा सकता है !



इस विधेयक के फायदे

सन २०१४ में इंटेलिजेंस ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय दानदाताओं के समर्थन के साथ देश में कई गैर-लाभकारी संगठन ‘एनजीओ’ भारतीय अर्थव्यवस्था को खतरे में डालकर, विकासात्मक गतिविधियों को बाधित करते है ! ऐसे देश में बहुत से एनजीओ ने देश के विकासकार्यों को बाधित किया है और और साथ में कुछ संगठन भारत में न्यायप्रणाली से लेकर राजनीतिक में अप्रत्यक्ष दखल देते है ! यह संगठन पढ़ाई, मदद के नाम पर गलत काम करती है !  [3]

  • ‘कुडनकुलम’ परमाणु उर्जा सयंत्र : सन 2012 में ‘कुडनकुलम’ परमाणु उर्जा संयंत्र के खिलाफ किये जा रहे विरोध प्रदर्शनों में अमेरिका की गैर सरकारी संगठनों को दोषी पाया था जिसमे खुद उस समय के प्रधानमंत्री मनमोहन ने भी एनडीटीवी से बात करते हुए बोला था ! [2]
  • ‘ग्रीनपीस इंडिया’ : सन 2015 में मोदी सरकार ने इस संगठन “जिसने भारत के थर्मल पॉवर, न्यूक्लियर प्रोजेक्ट कोल और एलुमिनियम खुदाई जैसे विकास प्रोजेक्ट को रोकने के लिए प्रदर्शनकारियों का समर्थन और उसमे भाग लिया” पर रोक लगा दी थी साथ में संगठन ने ये काबुल किया था ! [3]
  • धर्म परिवर्तन : उदाहरण के रूप में, सन 2015 में ईसाई एनजीओ को तमिल नाडू में अवैध धर्म परिवर्तन गतिविधियों में मोदी सरकार ने पकड़ा था जिसमे ईसाई संगठन के लोग हिन्दुओ, मुस्लिम और बुद्ध के खिलाफ गलत भाषा का इस्तेमाल के साथ उनको पैसे के लालच देकर उनका धर्म परिवर्तन करवा रहे थे जो विदेश खासकर अमेरिका से करोड़ो रुपये एनजीओ में आ रहे थे ! [4]
  • दिल्ली दंगे का समर्थक : भारतीय सुरक्षा एजेंसी ने इंडोनेशिया स्थित ‘एटीसी’ एनजीओ को पाकिस्तान स्थित हाफ़िज़ सहिद आतंकी संगठनों ने दिल्ली दंगों को हवा देते हुए उसमे लाखों रु भी पम्प किये थे साथ में सोशल मीडिया जैसे ट्विटर पर दिल्ली दंगों की चुनिंदा फोटो और वीडियो भी प्रोपगंडा के तहत भेज रहा था ! यह एनजीओ ‘अक्सी सीपत तांग्गाप’ इंडोनेशिया का सबसे अत्यधिक कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन है ! [5]


इस बिल के आने के बाद एनजीओ द्वारा भारत के विकास कार्यों में बाधा डालने वाले एनजीओ पर लगाम रहेगी साथ ही फंड किसी मकसद से आया और वो गलत कामों ने लगा तो सीधे जांच कर एनजीओ का निलंबन ! उदाहरण के लिए, एटीसी को भारत में मानवता के काम के लिए पंजीकरण किया गया था लेकिन इनके हाथ तो दिल्ली दंगे में तक शामिल थे ! एक और एनजीओ ‘ओपन सोर्स फ़ाउंडेशन’ जो जॉर्ज सोरोस का है जिसमे हर्ष मंदर भारत के चीफ़ है जो दिल्ली दंगे में बोला था ‘अब कोर्ट में नहीं सड़क पर आन्दोलन होगा ! ये वही जोर्ज सोरोस है जिसने दुनिया भर के देशभक्तों को विफल करने के लिए एक विश्विद्यालय नेटवर्क के लिए एक अरब डालर का वचन दिया और साथ में पीएम मोदी और राष्ट्रभक्तो की आलोचना की थी ! [6] हर्ष मंदर की ‘कारवां-ए-मोहब्बत’ एनजीओ एक उप-एनजीओ की तरह काम करती जिसकी अम्ब्रेला एनजीओ ‘ओपन सोर्स फ़ाउंडेशन’  है !


हर्ष मंदर ने केंद्र सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा भी खटखटाया लेकिन अटोर्नी जनरल तुषार मेहता ने हर्ष मंदर की दिल्ली में दिए भडकाऊ बयान को सामने रख दिया जिसमे बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी हर्ष मंदर को सुनने से मना कर दिया था ! एक खास बात, ‘हर्ष मंदर’ ‘सोनिया गाँधी’ की ‘रास्ट्रीय सलाहकार परिषद’ के सदस्य थे (इसी परिषद ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन की शक्तियों को अपने कब्ज़े में ले रखा था) साथ में इसी परिषद ने कसाब के २६/११ के हमले में बचाने की कोशिश की थी ! इसी परिषद ने हिंदू के खिलाफ साज़िश के तहत ‘साप्रदायिक हिंसा बिल’ सन २०११ में कोशिश की थी ! [7]




संदर्भ

[1] FCRA बिल के नियम और लोकसभा में पारित 

[2] पूर्व पीएम मनमोहन ने कुडनकुलम के बारे में बताया  

[3] एनजीओ के कारनामे  

[4] तमिल नाडू में पदकी इसाई एनजीओ 

[5] दंगे में शामिल होते एनजीओ 

[6] दिल्ली दंगे में जोर्ज सोरोस के लिंक 

[7] सोनिया गाँधी से रिश्ता हर्ष मंदर का  


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