Government Sector Reforms Required
प्राइवेट कंपनी द्वारा होवित्जर का बैरल फट गया
दिनांक 15 Sep 2020 को राजस्थान के पोखरण में निजी कंपनी टाटा और कल्याणी द्वारा बनाये गए ‘एटीएजीएस होवित्जर तोप’ का बैरल परीक्षण के दौरान भीतर से फट गया जिससे एक धक्का लगा है ! [२] दिनांक 20 Aug 2020 को इस बैरल को अंतिम परीक्षण करने के लिए दोनों निजी कंपनी ने इंडियन आर्मी को दिया गया था ! [1]
कल्याणी ग्रुप ने कहा, “किसी भी घटना में कंपनी द्वारा बनाई गई तोप (बड़ी गन) में से कोई भी क्षतिग्रस्त नहीं हुई है !” वही टाटा ग्रुप ने रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से भी इनकार कर दिया ! [2]
डीआरडीओ के वैज्ञानिक ने कहा, “यह घटना तब हुई जब आखिरी दौर में गोला दगा गया था ! किसी भी परीक्षण को अंजाम देने से पहले तोप को जाँचा जाता है साथ में यह पहला परीक्षण नहीं था ! इसने सिक्किम में उच्च ऊचाई परीक्षण में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है !” [2]
डीआरडीओ के एक अन्य अधिकारी ने कहा, “यह पहली बार नहीं है जब किसी बैरल से ऐसी घटना हुई है ! जब तक पूरी जांच नहीं हो जाती तब तक सटीक कारण बताना मुश्किल है !” कुछ विद्वानों ने घटना के पीछे दोष पूर्ण गोला बारूद को बताया जो सरकार बोर्ड ‘ओएफबी- आयुध कारख़ानों’ द्वारा आपूर्ति की गई थी ! [2]
Reports By IndiaTimes On Ammunition Faulty which made BY OFB |
सरकारी बोर्ड के गोला बारूद पर सवालिया निशान
सरकारी बोर्ड ‘आयुध कारख़ानों’ के द्वारा बनाये गए गोले-बारूद पर पहले से सवाल खड़े होते जा रहे है ! सालों से विभिन्न परीक्षण में गोला परीक्षण करते वक्त बैरल का अंदर से फट जाना चाहे वो उन्नत विदेशी तोप हो या देशी तोप में ! भारतीय सेना के पत्र में पहले ही विभिन्न बातों जिक्र किया जा चुका है जैसे सैनिकों का मनोबल गिराता, रास्ट्रीय सुरक्षा, गोला बारूद की कमी, सैनिकों की सुरक्षा इत्यादि ! सन 2013 से सन 2016 तक की रिपोर्ट में बताया गया, भारतीय सेना की जरुरत के हिसाब से 95% आपूर्ति से 64% आपूर्ति रह गई थी ! इसके बहुत से उदाहरण मिल जायेंगे लेकिन नीचे कुछ उदाहरण !
- दिनांक 28 Sep 2017 : अमेरिका निर्मित M777 होवित्जर और भारत में बनी स्वीडिश ‘धनुष’ दोनों में बैरल के अंदर गोले फट जाना ! [3]
- दिनांक 14 Jul 2018 : जांच में पाया, अमेरिका निर्मित M777 होवित्जर में विस्फोट में खराब गोला बारूद था ! [4]
- दिनांक 14 May 2019 : पूर्व आर्मी जनरल ने कहा था की “भारतीय सेना के लिए खराब गोला बारूद एक राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दा है !” कई मामलो में तो दोष पूर्ण गोला बारूद के कारण सैनिकों की भी मृत्यु और कई बार चोट आई है चाहे वो उन्नत तोप हो या पुरानी तोप ! सेना अधिकारीयों ने रक्षा मंत्रालय से 15 पेज के पत्र में खबर गोला बारूद की वजह से सैनिकों के मनोबल में गिरावट आती है ! [5]
- दिनांक 31 May 2016 : सरकारी ओएफबी का खराब गोला बारूद की वजह से पुलगांव, महाराष्ट्र में 19 सैन्य कर्मी और नागरिक की मृत्यु हो गई थी ! [5]
- दिनांक 02 Feb 2019 : राजस्थान के महाजन में एक एल-७० गन के गोला बारूद में दोष के कारण अधिकारियो ने बैठक बुलाई थी ! [6]
आरोप बीजेपी सरकारी कंपनी बेच रही
भारत में सत्ता के लिए किसी भी हद तक झूठ बोलने (जनता की आँख में अधूरी जानकारी डालना) को तैयार हो जाते है सत्ता पक्ष के खिलाफ जैसे कुछ उदाहरण, मोदी सरकार सरकारी कंपनियों को बेच रही है जैसे एलआईसी, रेलवे, वगेहरा वगेहरा ! वैसे जनता को ‘विनिवेश’ (Disinvestment) को बेचना (sold) बताया जा रहा ! विपक्ष के हिसाब से बेचना ही सही ! आयें नजर डालते है सच्चाई पर ! कांग्रेस के सत्ता में रहते कितना बेचा
- सन 2009 से सन 2010 : ‘एनएचपीसी’ से लेकर ‘आयल इंडिया लिमिटेड’ का करीब 23553 करोड़ रुपये !
- सन 2010 से सन 2011 : ‘कोल इंडिया लिमिटेड’ से लेकर ‘पॉवर ग्रिड कारपोरेसन लिमिटेड’ का करीब 22144 करोड़ रुपये !
- सन 2011 से सन 2012 : ‘ओएनजीसी’ और ‘पॉवर फिनेंस कॉर्प लिमिटेड’ का करीब 13894 करोड़ रुपये !
- सन 2012 से सन 2013 : ‘आयल इंडिया’, एनटीपीसी, ‘स्टील ऑथोरिटी’ और अन्य का करीब 23957 करोड़ रुपये !
- सन 2013 से सन 2014 : ‘’एनएचपीसी’, भेल, पॉवर ग्रिड, इंडिया आयल, नेशनल फर्टिलाइजर, हिंदुस्तान कारपोरेशन और भी के करीब 15820 करोड़ रुपये !
From 2009 to 2012, Congress Solds Public Sector Company (As Per Congress Disinvestment Means Sell) |
कांग्रेस अपने समय में, ‘नेशनल हाइड्रो इलेक्ट्रिक पॉवर कॉर्पोरेशन’ का 14.04% तक हिस्सा, ‘भेल’ का 26.94% तक हिस्सा, ‘इंजीनियरिंग इंडिया लिमिटेड’ का 30.63% तक हिस्सा, ‘एनएमडीसी लिमिटेड’ का 20% तक हिस्सा, ‘पॉवर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड’ का 42.10% तक हिस्सा, इंडियन आयल कारपोरेशन लिमिटेड’ का 31.43% तक हिस्सा, ‘नेशनल फर्टीलाइजर’ का 10% तक हिस्सा, ‘एमएमटीसी’ का 10% तक हिस्सा, ‘हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड’ का 10.05% तक हिस्सा, ‘इंडिया टूरिस्म डेवेलोपमेंट कारपोरशन का 12.89% तक हिस्सा, ‘स्टेट ट्रेडिंग कार्पोरेशन’ का 10% तक हिस्सा, ‘नेवेली लीगीनाईट कार्पोरेशन लिमिटेड’ का 10% तक हिस्सा और अन्य का हिस्सा बेच चुकी है ! (सारे आधिकारिक आँकड़े है)
हां ये कहना गलत है की सत्ताधारी पार्टियां सरकारी कंपनी बेच रही जबकि खुद कांग्रेस ने क्या किया आप खुद देख ले ऊपर सिर्फ पाँच साल का उदाहरण है ! अधूरी जानकारी में मत फंसे !
From 2012 To 2014, Congress Solds Public Sector Company (As Per Congress Disinvestment Means Sell) |
सरकारी कंपनी क्या होती है
नियम के अनुसार, किसी भी कंपनी से जिसमे केंद्र सरकार या किसी राज्य सरकार या सरकारों द्वारा 50% से ज्यादा शेयर (या पेड-अप शेयर कैपिटल) हो वो सरकारी कंपनी कहलाती है ! विनिवेश से नीचे दिए मुख्य उद्देश्य होते है :
- वित्तीय बोझ को कम करना !
- सरकारी कंपनी को प्रतिस्पर्धा के तैयार करना !
- ऋण के जोखिम और अस्थिरता को कम करता है !
- इक्विटी आवंटन दीर्धकालिक विकास प्रदान करता है !
- फंड मनेजर गतिशील तरीके से इक्विटी और ऋण को आवंटन का प्रबंधन करता है जिससे एसेट एलोकेशन पर नजर रखने की जरुरत नहीं पड़ती !
निजीकरण का मतलब जब सरकार किसी भी कंपनी का 50% से ज्यादा हिस्सा बेचती है तब उसका ‘शासन प्रबंध’ की ताकत निजी हाथ में चली जाती है जो इन किसी भी मामलो में नहीं है !
यह काफी पुरानी कहावत है कि एक झूठ को सौ बार बोला जाए तो वह सच लगने लगता है।
संदर्भ
[1] टाटा और कल्याणी ग्रुप ने दिए एटीएजीएस अंतिम परीक्षण के लिए
[3] 2017 अमेरिका और देशी दोनों में गोला फटना
[4] 2018 जाँच में पाया गोला बारूद खराब था
[5] 2019 पूर्व आर्मी जनरल का बयान
[6] 2019 एल७० के बारूद में दोष