Mostly Online Helps Are the Fraud.
केस 1: ‘बाबाकाढाबा’ के नाम पर खा गया दान का पैसा
दिनांक 06 Oct 2020 को एक यूट्यूबर्स ‘गौरव वासन’ ने अपने यूट्यूब चैनल ‘स्वाद ऑफिसियल’ पर दिल्ली के मालवीय नगर में एक ढाबा के बारे में वीडियो बनाया ! इस वीडियो में उस ढाबे को चलाने वाले बुजुर्ग की दुर्दशा दिखाई जा रही थी जो कोरोना महामारी के बाद रोज़ाना सिर्फ 60-100 रु कमा पा रहे थे ! यूट्यूबर्स ने बाबाकाढाबा में व्यंजनों सहित पूरी जानकारी देते हुए उनकी दिक़्क़तों पर प्रकाश डाला गया था ! वीडियो के आखिरी में जनता से आग्रह किया की भोजन करने ‘बाबाकाढाबा’ जाये और साथ में ऑनलाइन पैसे दान करके उनकी मदद करने का आवाहन किया था !
वीडियो दो दिन में पुरे देश में वायरल हो गया ! बड़े बड़े हस्तियों सहित कई लोगो ने वीडियो को साझा किया जिसके बाद ढाबे के बाद वहाँ लोग इकट्ठा होने होने जिसमे कई फोटो खींचने आयें, कई खाने आयें और कई मदद के लिए आयें थे ! इन सबको देखते हुए ऑनलाइन खाना भेजने वाली कंपनी कहाँ पीछे रहने वाली थी, कंपनियों ने रातों रात, ढाबे की रंगत बदल दी ! दिनांक 08 Oct से 23 Oct तक दिखने वाले वहाँ वापस सिर्फ दो-चार दिखने लगे और वही स्थिति वापस दिखने लगी, बैनर भी ग़ायब, दिखावटी लोग भी ग़ायब ! इसी को देखते हुए कई लोगो ने ऑनलाइन दान भी दिए जिससे बुजुर्ग जोड़े की जिंदगी चलती रहे लेकिन ..
एक दूसरे यूट्यूबर्स ‘लक्षय चौधरी’ ने ‘गौरव वासन’ की आरोप लगाते हुए बताया की “स्वाद आफिशियल’ के गौरव वासन ने ‘बाबाकाढाबा’ के बुगुर्गो की मदद के बहाने लोगो से दान माँगा लेकिन पैसा उनको दिया नहीं गया !” लक्षय चौधरी ने आगे कहा की “बुर्जुर्गो के बातचीत में पता चला उनको अभी तक गौरव द्वारा मांगे गए दान में से एक पैसे की भी मदद नहीं मिली है ! गौरव ने अपने यूट्यूब चैनल पर लोगो से बुजुर्ग की मदद के लिए उससे (गौरव) संपर्क करने के लिए कहा था और लोगो को दान देने के लिए बैंक के व्यक्तिगत खाते (ना की बाबा के खाते की) की जानकारी भी उपलब्ध कराई थी ! वीडियो के वायरल होने के पहले लगभग 1.75 लाख रु जुटाने का दावा किया था जबकि वायरल होने के बाद मात्र 40000 से 50000 रूपए की वृद्धि हुई जिसे कई हस्तियों द्वारा शेयर किया गया था !“
Hi Sonu Sir
— Snehal Misal (@SnehalMisal8) October 20, 2020
My son is affected with pulmonary stenosis where his body can't take 100% of oxygen his oxygen level
drops to 30% Pedeatric cardiologist has suggested for open heart surgery as early as possible so please kindly help out us in this critical situation
केस 2: सोनू सूद की छवि चमकाने में एक फर्जीवाडा आया सामने
दिनांक 20 Oct 2020 को एक ट्विट्टर यूजर ‘स्नेहल मिसल’ ने बिना सोनू सूद को टेग किये लिखा की “हाय सोनू सर, मेरा बेटा ‘पुल्मोनरी स्टेनोसिस’ से प्रभावित है जहाँ उसका शरीर 100% ऑक्सीजन नहीं ले सकता है, 30% तक गिर गया है, ‘पेडीएट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट’ ने ओपन हार्ड सर्जरी के लिए जल्द से जल्द सुझाव दिया है, इसलिए कृपया इस मदत्वपूर्ण स्थिति में हमारी मदद करे !” [1] एक चीज आपको बता दूँ की इस अकाउंट को मात्र कुछ दिन पहले भी बनाया गया, कोई फोटो नहीं, कोई कवर नहीं, आजतक सिर्फ एक ट्विट और सिर्फ तीन लोगो को फोलो किया जिसमे एक भारत का ‘सोनू सूद’, दूसरे अमेरिका का ‘बराक ओबामा’ और तीसरा ब्रिटेन का ‘लयम’ है !
Tomorrow your son will be admitted to SRCC Hospital Mumbai. Surgery will be scheduled this week ❣️🙏 https://t.co/nym4H8Z2gr
— sonu sood (@SonuSood) October 25, 2020
दिनांक 25 Oct 2020 को जिस ट्विट में सोनू सूद को टेग भी नहीं किया था उसपर पाँच दिन बाद सोनू सूद ने जवाब देते हुए लिखा की “कल आपके बेटे को मुंबई के एसआरसीसी अस्पताल में भर्ती कराया जायेगा और इसी सप्ताह सर्जरी के लिए समय भी तय कर दिया जायेगा !” [2] सोनू सूद के बाद ट्विट्टर यूज़र ने सोनू सूद के ट्विट की पोल खोलते हुए लिखा की यह सब खुद की छवि चमकाने का तरीका है ! असल में जब आप ट्विट्टर पर बिना टेग करे लिखते है तो उसको पता ही नहीं चलता की इतनी बड़ी दुनिया में किसने क्या लिखा है ! दिनांक 25 Oct 2020 को एक यूजर ‘ऋषि बागरी’ में सोनू सूद को आड़े हाथ लेते हुए लिखा की “एक नया अकाउंट, दो-तीन फोलोवर, एक ट्विट, सोनू सूद टेग नहीं, जगह भी नहीं लिखी, ईमेल भी नहीं लिखा, तो सोनू सूद ने एक अकाउंट को कैसे ढूंढा, पहले भी कुछ यूज़र ने पहले मदद के चिल्ला कर फिर ट्विट डिलीट कर दिया, क्या ऐसे तुम्हारी छवि चमकाने वाली टीम काम करेगी !”
That’s the best part brother.I find a needy & they somehow find me. It’s about
— sonu sood (@SonuSood) October 25, 2020
“INTENTIONS”, but u won’t understand.Tom patient will be in SRCC Hospital kindly do ur bit. Send some fruits for him.Someone with 2-3 followers will be happy to get some love from a man with followers https://t.co/f7Hhqrv95X pic.twitter.com/sObQBJdUuO
दिनांक 26 Oct 2020 को सोनू सूद ने ‘ऋषि बागरी’ के ट्विट पर तीन फोटो के साथ जवाब देते हुए लिखा की “यह सबसे अच्छा हिस्सा है, मुझे एक ज़रूरतमंद मिल गया है और वे किसी तरह मुझे दूंदते है, इसके बारे में ‘इरादे’, लेकिन आप समझ नहीं पाएंगे, यह मरीज़ ‘एसआरसीसी अस्पताल’ में होगा, उसके लिए कुछ फल भेजें, दो-तीन अनुयायियों के साथ कोई व्यक्ति अनुयायियों के साथ कुछ प्यार पाने के लिए खुश होगा !” इसके साथ जो एक्सल और अधकटे बिल शेयर किये है जबकि सोनू सूद का कहना है मरीज़ अगले कुछ दिनों में इलाज शुरू होगा लेकिन जो फाइल भेजी उसमे उस मरीज़ का इलाज एक महीने पहले ही हो चुका है ! इसमे दिनांक 17 Sep 2020 को अस्पताल ने मरीज़ की जाँच की थी और दिनांक 25 Sep 2020, ठीक एक हफ्ते बाद उसका सर्जरी हुई थी ! [3]
सवाल यहाँ ये नहीं की इलाज हुआ है की नहीं ! सवाल यहाँ ये है की जब सोनू सूद ने खुद शेयर किये कागज़ में एक महीने पहले का सबूत दे रहे तो वो फर्जी अकाउंट २० दिन बाद क्यूँ मदद मांग रहे थे और उसके बाद सोनू सूद ने पाँच दिन बाद जवाब दिया वो भी बिना टेग के और इसके साथ ट्विट में लिखते की अगले हफ्ते इलाज होगा लेकिन उसी ट्विट में खुद की सच्चाई दिखा बैठते है !
संदर्भ
[1] एक यूजर का ट्विट
[2] सोनू सूद का जवाब