When World Getting Opposite To China Then, Some Indian Muslim Leaders R Giving Statement As Anti India & Pro china Statements.
भारत, ताइवान द्वारा चीनी विरोध को झटका
चीनी धमकी पत्र : दिनांक 07 Oct 2020 को दिल्ली में स्थित चीनी दूतावास ने भारतीय मीडिया को एक पत्र जारी कर कहा था की “ताइवान के आने वाले दिनांक 10 Oct पर रास्ट्रीय ताइवान दिवस पर रिपोर्टिंग ना की जाये साथ में ताइवान को अपना क्षेत्र बताया गया और कहा गया, भारत को वन-चाइना पॉलिसी का समर्थन करना चाहिए !”
ताइवान विदेश मंत्रालय का जवाब : जिसका जवाब, ताइवान के विदेश मंत्रालय ने अपने आधिकारिक ट्विट्टर अकाउंट से लिखते हुए बताया की “भारत पृथ्वी पर सबसे बड़ा लोकतंत्र है जिसमे एक जीवंत प्रेस और स्वतंत्रता प्रेमी लोग है ! लेकिन ऐसा लग रहा है की कम्युनिस्ट चीन सेंसरशिप लगाकर उपमहाद्वीप में मार्च करने की उम्मीद कर रहा है ! ताइवान के भारतीय दोस्तों का एक जवाब होगा : दफा हो जाओ !” [3]
Happy #NationalDay to #Taiwan and it's people. India loves Taiwan and India strongly believe that #TaiwanIsNotChina and This #Chinese dictatorship can not dictate our democratic principles.😍😍#TaiwanNationalDay
— Gyan Jara Hatke (@gyanjarahatke) October 10, 2020
.@iingwen .@China_Amb_India .@globaltimesnews .@MOFA_Taiwan pic.twitter.com/YxJucWdVHB
भारत की जनता का जवाब : जिसको लेकर भारत की जनता ने सोशल प्लेटफार्म के माध्यम से एक मुहिम चला कर ‘चीनी पढ्तंत्र का विरोध’ के खिलाफ और ‘ताइवान एक लोकतंत्र देश’ के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाते हुए ‘ताइवान नेशनल डे’ मानाने का फैसला किया जो रास्ट्रीय स्तर पर ताइवान की प्रेसिडेंट को टेग करते हुए खूब बधाई सन्देश भेजे गए साथ में चीनी राजदूत को भी टेगकर विरोध का स्तर और बढ़ाया ! ऐसे ही एक यूट्यूब चैनल चलाने वाले ‘ज्ञान जरा हटके’ यूजर ने ताइवान पर एक केक काटते हुए फोटो के साथ लिखा की “ताइवान और उनके लोगो को रास्ट्रीय दिवस मुबारक हो, भारत ताइवान से प्यार करता है और भारत का दृढ विश्वास है की ‘ताइवान चाइना नहीं है’ और यह चीनी तानाशाही हमारे लोकतांत्रिक सिद्धांतों को निर्देशित नहीं कर सकती !” [4] हाली में चीनी सैनिकों का वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमे गल्वान में भारतीय सैनिकों ने जो तोड़ा था उसके बाद चीनी सैनिक तैनाती के समय रोने का भी वीडियो बाहर आया था ! अब दुनिया में चीनी की दादा गिरी खत्म होना शुरू हो चुकी है !
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Bjp Leader Tajinder Singh Bagga Puts Taiwan Banner In Front Of Chinese Embassy On Taiwan National Day |
भारतीय सरकार का जवाब : दिनांक 08 Oct 2020 को भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ‘अनुराग श्रीवास्तव’ ने जवाब देते हुए बताया की “भारत में एक स्वतंत्र मीडिया है जो मुद्दे पर रिपोर्ट करता है क्युकी यह फिट देखता है ! हमें उम्मीद है की भारतीय मीडिया ताइवान के सवाल पर भारतीय सरकार की स्थिति पर अडिग रह सकता है और वन-चाइना सिद्दांतो का उल्लंघन नहीं करता है !” [5]
Thank you to all of our dear friends in India 🇮🇳 for your well wishes on 🇹🇼 #TaiwanNationalDay. Together, we can take pride in safeguarding our shared values like freedom & human rights, & defending our democratic way of life. #namaste pic.twitter.com/ZZQT1286lR
— 蔡英文 Tsai Ing-wen (@iingwen) October 11, 2020
ताइवान का भारतीयों को धन्यवाद : ताइवान की राष्ट्रपति ने नमस्कार करते हुए भारतीयों का धन्यवाद दिया साथ में विदेशमंत्री जोसफ वू ने भारत की जनता और राजनेताओ द्वारा ताइवान के चीनी पर बयान ‘दफा हो जाओ’ बयान के साथ खड़े होने के लिए धन्यवाद दिया है जिसमे खासकर इंग्लिश न्यूजचैनल ‘WION’ और बीजेपी दिल्ली के प्रवक्ता ‘तजिंदर पाल सिंह बग्गा’ का जिक्र है ! [6] असल में बीजेपी के बग्गा ने चीनी दूतावास के बाहर ताइवान के रास्ट्रीय दिवस पर झंडे लगा दिए वही दूसरी तरफ WION न्यूज़ चैनल ने लगातार 25 मिनट तक ताइवान पर स्टोरी चलाई !
Former J&K CM Farooq Abdullah makes controversial statement, says #Article370 can be restored with China's support. @ashraf_wani gets us more on this. #Politics #ITVideo pic.twitter.com/9jGrbl7LYT
— IndiaToday (@IndiaToday) October 11, 2020
नेता फारूख अब्दुल्ला ने भारत विरोधी और चीन समर्थक बयान दिया
दिनांक 11 Oct 2020, जैसे की जानते है जब से मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर की धारा 370 को खत्म किया है तब से कुछ पार्टियों के पेट में बहुत दर्द हो रहा है जिसमे कांग्रेसी नेता, आप नेता, नेशनल कांफेरेंस फारूख अब्दुल्ला, पीडीपी महबूबा मुक्ति और बहुत से लोग (पत्रकार और जेएनयू के छात्र) शामिल है ! पिछले एक साल से फारूख अब्दुल्ला के पेट में दर्द पचा नहीं साथ में कांग्रेस जे&के में नेशनल कांफेरेंस की साथी पार्टी है ! फारूख अब्दुल्ला ने फेंक न्यूज़ चलाने वाली मुख्य टीवी चैनल ‘इंडियाटुडे’ में एक इंटरव्यू में कहा, “चीन ने अनुच्छेद 370 निराकरण के कारण लदाख में एलएसी पर जो कुछ भी कर रहे है जिसे चीन ने कभी स्वीकार नहीं किया ! मुझे आशा है की चीन के समर्थन से जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को बहाल कर दिया जायेगा !” [1]
लेकिन आपको बता दे, फारूख अब्दुल्ला के इस भारत विरोधी और चीनी समर्थक बयान का ना तो कांग्रेस के मंत्रियों, ना आप नेताओं, ना सपा नेताओं, ना ममता बेनर्जी और ना शिवसेना के लोगो ने खंडन किया जिससे सीधे अंदाजा लगाया जा सकता है, इन पार्टियों का फारुख को अप्रत्यक्ष समर्थन प्राप्त है ! ऐसा इसलिए भी कहा जा सकता है क्युकी कांग्रेस ने अपने चुनावी (संकल्प) पत्र में कह रखा की अनुच्छेद को वापस लायेंगे जिसके लिए दिनांक 22 Aug 2020 को कांग्रेस के नेता जिए मीर ने फारूख अब्दुल्ला सहित कई देश विरोधी नेताओं के साथ जम्मू-कश्मीर में बैठक की थी ! आप नेताओं का इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है की जब मोदी सरकार ने अनुच्छेद को निष्क्रिय किया था तब आप पार्टी ने जनता की मज़बूरी को देख समर्थन किया था लेकिन उनके नेताओं ने खुलकर पार्टी के कदम का विरोध किया था ! [2]
रिपोर्ट, चीन के खिलाफ दुनिया
दिनांक 06 Oct 2020 को जानीमानी ‘PEW रिसर्च सेंटर’ ने दिनांक 10 Jun से 03 Aug के बीच खासकर यूएस, कनाडा, बेल्जियम, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, स्पेन, स्वीडन, यूके, आस्ट्रेलिया, जापान और साउथ कोरिया (१४ देशो) में करीब 14276 लोगो से फोन से बात कर जानकारी बटोरी है ! इस रिपोर्ट में बताया गया की कैसे कोरोना महामारी के बाद दुनिया में चाइना के खिलाफ लगातार गुस्सा बढ़ता जा रहा जो अब तक का सबसे उच्च स्थान पर है ! रिपोर्ट के अनुसार, जापान की जनता में 86%, ऑस्ट्रेलिया की जनता में 85% और स्वीडन की जनता में 85% गुस्सा चाइना के खिलाफ है ! यूके, जर्मनी, नीदरलैंड, यूएस, साउथ कोरिया, फ्रांस और कनाडा की जनता में 70% से ज्यादा चाइना के खिलाफ आक्रोश है वही अन्य दो इटली और स्पेन की जनता में 60% से ज्यादा चाइना के खिलाफ आक्रोश है ! इस रिपोर्ट में सबसे तेजी से चाइना के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया की जनता का आक्रोश बढ़ा है ! लगातार विश्व में कम्युनिस्ट चीन की दोगली नीति (जैसे फिगर्स को छुपाना, न्यूज़ मीडिया पर रोक) के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है ! [7]
भारत के राजनेता दोहरा चरित्र क्यूँ
अब आते है एक और मुद्दे पर, जिसमे विश्व में जितने देशों में सर्वे हुए उसके हिसाब से जनता का गुस्सा चीन और चीनी राष्ट्रपति के खिलाफ बढ़ता जा रहा लेकिन हमारे देश के कुछ नेताओं में चीनी प्रेम बढ़ता जा रहा जो चीन की मदद से भारत के अंदरूनी मामलो में चाइना को लाना चाहते लेकिन दुख की बात तो यह है उनके साथ की सभी पार्टियां इनका विरोध तक नहीं करती है जो अप्रत्यक्ष समर्थन देती है ! ऐसे नेताओं के साथ क्या करना चाहिए ये आपको सोचना होगा ! दिनांक 28 Aug 1938 को यही फारुख अब्दुल्ला के पिता शेख अब्दुल्ला भी जम्मू कश्मीर के महाराजा हरि सिंह के मामले में देशद्रोह कर रहे थे जिसके उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था, बाद में दिनांक 24 Feb 1939 महात्मा गाँधी के दबाव में उनको करीब छह महीनों के बाद छोड़ दिया गया था ! दोबारा, दिनांक May 1946 में शेख अब्दुल्ला ने फिर महाराजा हरीसिंह के खिलाफ ‘कश्मीर छोडो’ (देशद्रोह) आन्दोलन शुरू किया था जिसमे उनको तीन साल के लिए कैद के बाद एक साल चार महीने में उन्हें छोड़ दिया गया ! उसके बाद महात्मा गाँधी और जवाहरलाल नेहरु ने दिनांक 30 Oct 1947 को शेख अब्दुल्ला को जम्मू-कश्मीर का प्रधानमंत्री बनवा दिया था ! Aug 1953 के बाद, शेख अब्दुल्ला ने विरोध कर दिया जिसमे उन्हें ’कश्मीर पढ्तंत्र मामले’ में 11 साल जेल हुई थी जिसे जवाहरलाल नेहरु ने छुडवाया था ! आगे और भी गिरफ़्तारी हुई ! ऐसे परिवार जो देशद्रोही मामले में हमेशा से रहा है ! [8]
संदर्भ
[1] फारुख अब्दुल्ला का चीन पर बयान
[5] भारतीय विदेश मंत्रालय का जवाब