Germany cancelled citizenship of refugee doctor, Australia Officially Joined Malabar
केस 1 : जर्मनी ने नियम तोड़ने पर शरणार्थी की नागरिकता रद्द की
जर्मनी ने भी सन 2002 में मुस्लिम देशों के आये लेबनान मुस्लिम शरणार्थी को शर्तों के साथ नागरिकता दी जिसमे उसको जर्मनी के कानून को मनाना होता है ! इस शरणार्थी ने जर्मनी में रहकर सरकार द्वारा की मदद से पढ़ाई की और डॉक्टर बना ! यह करने के बाद जर्मनी ने सन 2012 में उसको नागरिकता दे दी थी ! मामला सन 2015 का, जर्मनी के नागरिकों में हाथ मिलाना एक आम बात है लेकिन एक दिन इसी मुस्लिम शरणार्थी डॉक्टर ने अब जर्मनी के महिला नागरिक से हाथ मिलाना से मना कर दिया (नियम के खिलाफ) जिसकी वजह से जर्मनी ने उसकी नागरिकता खत्म कर दी ! मुस्लिम शरणार्थी डॉक्टर जर्मन सरकार के खिलाफ कोर्ट चला गया जिसमे अब कोर्ट ने भी सरकार के पक्ष में फैसला सुनते हुए कहा की नागरिकता के साथ आप सरकार के साथ अनुबंध है जो आप स्वीकार कर चुके है, हाथ ना मिलाना सरकार के साथ उस अनुबंध को तोड़ना जिसपर नागरिकता दी गई, आप उसे नहीं मानते तो सरकार अनुबंध नहीं मानती ! [1] ऐसा बहुत देशों में देखा गया, मुस्लिम देशों से आयें शरणार्थी बाद में उस देश के नियम मानने को तैयार नहीं, साथ में उस देश में तोड़ फोड़ आगजनी तक करते है !
केस २ :मालाबार - ऑस्ट्रेलिया ने भारत के बुलाने पर भारी हामी
दिनांक 19 Oct 2020 को भारत सरकार की तरफ से बड़ा कदम उठाते हुए ऑस्ट्रेलिया को आधिकारिक रूप से एक पत्र भेजा था जो भारत-अमेरिका द्वारा शुरू की गई ‘मालाबार अभ्यास’ में शामिल होने के लिए था ! पहले इस मालाबार अभ्यास में भारत और अमेरिका था लेकिन बाद में सन 2015 में जापान भी इसमे शामिल हुआ ! भारत और अमेरिका ने भारतीय समुद्री सुरक्षा को देखते हुए नवसेना अभ्यास शुरू किया था ! भारत ने चीनी की विस्तारवादी नीति को देखते हुए ऑस्ट्रेलिया को भी इसमे शामिल करने का निर्णय लिया है ! ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री ने आधिकारिक रूप से ऑस्ट्रेलिया का मालाबार अभ्यास में शामिल होने का न्यौता को स्वीकार कर लिया है ! यह अभ्यास अगले महीने होने वाली है जो अब सच में क्वाड देशों में राजनीतिक और सामरिक साझेदारी के नए दौर का संकेत दिया है ! हाली ही में क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों ने मुलाकात की थी ! चाइना की विस्तारवादी नीति से टकराव के लिए एक अहम कदम है ! [2] अभी कुछ समय पहले ही Pew रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट में पाया गया था चीन के विस्तारवादी और गलत रवैये की वजह से विश्व के ज्यादातर देशों में चीन के प्रति गुस्सा बढ़ रहा है ! अब क्वाड के समुद्री अभ्यास से चाइना को चिंता होनी स्वाभाविक है !
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संदर्भ