Three News, Why Muslims have double standard on everything.
हाली में हुए कुछ घटनाये जिससे नजर डालना ज़रुरी है क्युकी भारत में रहने वाले कुछ कट्टरवादी मुसलमानों और संगठनों ने हमेशा से विदेश में हो रही घटना पर भारत में आवाज़ उठाई फिर चाहे वो भारत (देश) के लिए क्यूँ ना खिलाफ जैसे इस्राएल और भारत की दोस्ती का विरोध, तुर्की और भारत की दुश्मनी का विरोध, भारत और पाकिस्तान की दुश्मनी का विरोध, भारत और चीन की दुश्मनी का विरोध जैसे काम शामिल है तो इसकी वजह समझना ज़रुरी और देखना चाहिए की कब कट्टरवादी मुसलमान चुप रहता और कब विरोध करता है ! असल में जब किसी कट्टरवादी मुसलमान द्वारा किसी पर हमला कर उसको मारा जाता तो यही मुसलमानों द्वारा उसका समर्थन करते या तो चुप रहकर या खुलकर लेकिन दूसरी तरह अगर कोई कट्टरवादी मुसलमानों पर हमला करे तो इस्लाम के नाम पर उसका विरोध करना शुरू कर देते है !
Just today, the cross on this church that I visited yesterday was torn down by criminals in order to inspire fear. The Tabqa Regional govt under the Autonomous Admin of North & East #Syria had lifted the cross on this church destroyed by ISIS to encourage Christians to return.1/2 pic.twitter.com/fwvy877Tnt
— Nadine Maenza (@nadinemaenza) October 30, 2020
केस 1: सीरिया में चर्च पर इस्लामिक भीड़ का हमला
दिनांक 01 Nov 2020 को इस्लामिक कट्टरवादी देश सीरिया के रक्का के पास स्थित तब्का शहर में इस्लामिक कट्टरवादियो ने ईसाइयों की ‘सेंट सेर्गिअस एंड बच्चुस ग्रीक ऑर्थोडॉक्स चर्च’ पर हमला कर दिया साथ में वहाँ पर स्थित क्रास को उखाड़ कर फेंक दिया ! एक स्थानीय मस्जिद में नवाज के बाद कट्टरवादी भीड़ ने चर्च की तोड़ फोड़ को अंजाम दिया है ! इस चर्च पर इस्लामिक संगठन पहले भी हमला कर तोड़ फोड़ की गई ! [1] लेकिन भारत के कट्टरवादी मुसलमान और संगठन जैसे ‘रज़ा अकादमी’ और ‘आल इंडिया मुस्लिम ला बोर्ड’ जो फ्रांस (भारत के दोस्त) का तो विरोध करते लेकिन वहीँ सीरिया पर चुप रहते इसी प्रकार कांग्रेस की मुस्लिम नेता ने फ्रांस के भोपाल में रैली निकली लेकिन सीरिया पर दूसरे (ईसाई) धर्म पर हमले में चुप है ! एक खास बात आपको याद दिला दूँ, रिपब्लिक टीवी के खिलाफ रज़ा अकादमी ने एफ़आईआर दर्ज कराई थी जिसको लेकर रिपब्लिक सुप्रीम कोर्ट गया था लेकिन रज़ा अकादमी का केस भी कपिल सिब्बल ही लड़ रहे है और राम मंदिर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में ला बोर्ड की तरफ से भी केस लड़ रहे थे !
China destroys domes of famous main mosque in Yinchuan, capital of Ningxia pic.twitter.com/eklUVTCA76
— The International Herald (@TheIntlHerald) October 31, 2020
केस 2: चाइना ने ध्वस्त किये मस्जिद और किया मुसलमानों पर अत्याचार
दिनांक 31 Oct 2020 को चीन के कब्ज़े वाले शिनजियांग प्रांत (तुर्किश) के आतुस नाम के मस्जिद को तोड़कर वहाँ पर शौचालाय का निर्माण कराया गया साथ में अरबी शैली में निर्मित मस्जिदों के गुंबद को तोड़ा गया है ! चीन के कब्ज़े वाली निगजियां प्रांत (मंगोलिया) की राजधानी ईनचुआंन क्षेत्र में भी अल्पसंख्यक मुसलमानों की मस्जिदों के ढांचे पर परिवर्तन देखा गया और कई मस्जिदों के सुनहरे रंग के गुंबद को नष्ट कर दिया गया है ! चाइना ने शिनजियांग प्रांत में लाखों उल्गर मुसलमानों को डिटेंशन कैंप में रखा जाता और वहाँ शारीरिक से लेकर मानसिक रूप तक उनको प्रताड़ित किया जाता है इसके साथ में वहाँ दाढ़ी रखना, रोज़ा रखना, बुर्क़ा पहुंचाना और कुरान पढ़ना सभी चीजें गैर क़ानूनी है ! [2] सवाल तो फिर वही, भारत के कट्टरवादी मुसलमान और संगठन जो विश्व में कहीं भी हुई मुस्लिम के खिलाफ घटना पर खड़े होने वाले चीन (भारत का दुश्मन) के खिलाफ बोलने, रैली करने, विरोध करने से परहेज क्यूँ करते है !
Boy, 16, screaming 'Allahu Akbar' is shot dead by cops after knife attack on police officer in Muslim-majority Russian regionhttps://t.co/HraNdjG4mn pic.twitter.com/FpCnIo78I2
— Daily Mail Online (@MailOnline) October 30, 2020
केस 3: रूस में भी कट्टरपंथी ने किया हमला, मारा चाकू
दिनांक 30 Oct 2020 को रूस के एक मुस्लिम बहुल इलाके में एक 16 वर्षीय कट्टरपंथी मुस्लिम युवक ने ‘अल्लाहु अकबर’ चिल्लाते हुए पुलिसवाले को पीछे से तीन बार चाकू मार कर घायल कर दिया ! घायल पुलिसवाले के साथी पुलिसवाले ने लड़के को गोली मार दी जिससे उस कट्टरपंथी लड़के की मौत हो गई ! पुलिस को उसके पास से पेट्रोल बम और चाकू मिला है ! घायल पुलिसवाले को अस्पताल में भर्ती कराया गया था जो फ़िलहाल खतरे से बाहर है ! इस इलाके में भी फ्रांस के खिलाफ प्रदर्शन किया गया ! रूस की सुरक्षा एजेंसियों ने इस घटना को आतंकवादी हमला करार दिया है जिसमे अन्य कट्टरपंथियों की तलाश की जा रही है ! कट्टरपंथी मुस्लिम युवक ने पहले पुलिस वाले को काफ़िर भी बोला था और उसके इरादे ‘पुलिस स्टेशन’ की बिल्डिंग को आग लगाने का था ! [3] सवाल तो फिर वही, भारत के कट्टरवादी मुसलमान और संगठन जो विश्व में कहीं भी हुई मुस्लिम के खिलाफ घटना पर खड़े होने वाले रूस में अल्लाह का नाम इस्तेमाल कर और उनको बदनाम करने वालो के खिलाफ बोलने, रैली करने, विरोध करने से परहेज क्यूँ करते है !
संदर्भ