Hansa Research Filed A Petition Against Mumbai Police
मुंबई पुलिस की फिर खुली पोल
दिनांक 05 Nov 2020, मुंबई पुलिस कमिश्नर के फर्जी टीआरपी में रिपब्लिक टीवी को घसीटे जाने की तमाम कोशिश के बाद, ‘हंसा रिसर्च’ ने मुंबई पुलिस से तंग आकर बॉम्बे हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है ! याचिका में ‘हंसा रिसर्च’ ने टीआरपी की धोखाधड़ी मामले में मुंबई पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा की मुंबई पुलिस द्वारा उनको और उनके कर्मचारियों को रिपब्लिक मीडिया ग्रुप के खिलाफ गलत बयान देने के लिए मजबूर किया जा रहा है ! इस याचिका में मुंबई पुलिस से तंग आकर इसकी जांच सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) को देने के लिए मांग की है !
आगे कहा, मुंबई पुलिस रिपब्लिक टीवी द्वारा जारी किये गए हंसा की रिपोर्ट को फर्जी करार देने के लिए कह रही है ! याचिका में यह भी कहा गया, याचिकाकर्ताओ को लगातार महाराष्ट्र पुलिस की क्राइम ब्रांच लंबे समय तक बैठाला जाता और गिरफ़्तारी की धमकी दी जाती है साथ में झूठे बयान देने के लिए दबाव भी बनाया जाता है ! याचिका में बताया, उनके अधिकारियो से बिना लिखित सूचना के पूछताछ की जा रही है और उन्हें दस्तावेज़ तैयार करने का समय भी नहीं दिया गया है ! हंसा रिसर्च के कर्मचारियों को 12 Oct के बाद से बार बार अपराध शाखा के कार्यालय में बुलाया गया और घंटो इन्तेजार करवाया जाता है !
रिपोर्ट के अनुसार, जब हंसा के कर्मचारियों ने मुंबई पुलिस गलत बयान देने से इनकार कर दिया तो मुंबई पुलिस उन्हें परेशान कर रही है ! हंसा ने वे टीआरपी घोटाले में एक शिकायतकर्ता थे लेकिन पुलिस उन्हें ही झूठ बोलने के लिए परेशान कर रही और यह एक अनोखी स्थिति है जहाँ किसी अपराध में पहले मुखबिर को जांच के लिए परेशान किया जा रहा और एक अरोपित की तरह व्यवहार किया जा रहा ! यह पूरी तरह से कानून के निर्धारिक प्रक्रिया के खिलाफ है साथ में एक व्यक्ति के मौलिक अधिकार के खिलाफ है और इसमे माननीय उच्च न्यायलय द्वारा तत्काल हस्तक्षेप किया जाना चाहिए !
याचिका में हंसा रिसर्च ने अपने एक कर्मचारी विशाल भंडारी के खिलाफ मामला दायर किया था, जिसमे दो घंटे प्रतिदिन इंडिया टुडे चैनल देखने के लिए BARC पैनल हाउस को पैसे देने की कही गई है जिसको चैनल द्वारा भुक्तान किया गया था ! हंसा रिसर्च के रिपोर्ट में टीआरपी मामले में एफ़आईआर में इंडियाटुडे के नाम है जिसमे इंडियाटुडे ग्रुप (आजतक-इंडियाटुडे) को देखने के लिए बार-ओ-मीटर वाले घरों में रिश्वत दी जाती थी ! असल में इस याचिका में मुंबई के पुलिस आयुक्त ‘परम बीर सिंह’, सहायक पुलिस निरीक्षण ‘सचिन वजे’ और एसीपी ‘शशांक संभल’ का नाम उत्तरदाताओ में शामिल किया गया है ! [1]
असल में दिक्कत यह भी है हंसा रिसर्च के साथ की उन्होंने सिविल कोर्ट में पहले ही रिपोर्ट को लेकर यह बोल चुके जिसको मुंबई पुलिस बयान में बदलने को कह रही ! हंसा रिसर्च अब सिविल कोर्ट में बयान देने के बाद हाई कोर्ट में भी अपने बयान को नहीं पलट सकती क्युकी वो कोर्ट के खिलाफ हो जायेगा जिससे हंसा रिसर्च के लिए घातक होगा ! इसलिए मुंबई पुलिस कहने पर भी लाख कोशिश करने कर भी वो बयान नहीं बदल सकते ! महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस के वकील (कपिल सिब्बल) कोर्ट में कह चुके की रिपब्लिक टीवी के खिलाफ टीआरपी मामला नहीं दर्ज हुआ है बल्कि इंडियाटुडे के खिलाफ दर्ज हुआ !!
सुप्रीम कोर्ट से झटका
महाराष्ट्र सरकार ने एसेंबली द्वारा भेजी गई 10 मिनट में नोटिस के बाद, एसेंबली द्वारा भेजे गए नोटिस पर सुप्रीम कोर्ट ने अर्नब गोस्वामी को डराने धमकाने के लिए महाराष्ट्र एसेंबली के सचिव को तलब किया साथ में अर्नब गोस्वामी को महाराष्ट्र विधानसभा के कथित विशेषाधिकार हनन मामले में सुरक्षा प्रदान की जो शिवसेना और शरद पवार सरकार को एक झटका है ! इसके साथ रिपब्लिक टीवी के एंकरो को गिरफ्तार करने पर भी रोक लगाई ! [4]
सन 2018 के मामले में गिरफ़्तारी क्या एक और साज़िश
दिनांक 04 Nov 2020 को सुबह तड़के, महाराष्ट्र सरकार में एनसीपी के गृहमंत्री अनिल देशमुख द्वारा मुंबई पुलिस के 40 से ज्यादा पुलिस कर्मियों की टीम को एक साथ अर्नब को बिना नोटिस के तत्काल धक्का मुक्की करते हुए उनके घर से गिरफ्तार करती है ! महाराष्ट्र पुलिस द्वारा अदालत में 'अर्नब को पुलिस हिरासत' की मांग को ठुकराते हुए कुछ महत्वपूर्ण टिप्पणी की
- पुलिस द्वारा बिना अदालत की मंजूरी के आत्महत्या का मामला खोलना !
- पुलिस हिरासत के लिए पूछने का औचित्य नहीं है !
- अर्नब गोस्वामी और आत्महत्या के बीच कोई संबंध नहीं दिखा !
लेकिन अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत प्रदान कर दी ! दूसरी तरफ अर्नब के वकील ‘हरीश साल्वे’ सहित हाई कोर्ट पहुंचे ! आज शाम ३ बजे करीब इसकी सुनवाई होगी ! [2] सुसाइड नोट में ऊपर लिखा है 'हम आत्महत्या कर रहे' लेकिन नीचे सिर्फ एक लोगो के हस्ताक्षर दिख रहे है !
मुंबई कमिश्नर परमबीर और एक के ऊपर कुछ केस की जानकारी
मुंबई पुलिस के कमिश्नर परमबीर सिंह के ऊपर पहले से ही सवालिया निशान जो इस काम को करके लिए नए नहीं है ! हाली में मुंबई पुलिस कमिश्नर ‘परमबीर सिंह’ ने हंसा के द्वारा दी गई शिकायत में इंडियाटुडे के नाम की जगह रिपुब्लिक टीवी का प्रेस रिपोर्टिंग में लिया गया जिसको लेकर कोर्ट ने भी सवाल खड़े किये थे ! दिनांक 02 Dec 2009 के समय 26/11 मामले में कुछ याचिकाकर्ताओं ने मुंबई पुलिस के चार अतिरिक्त आयुक्तों ‘के एल प्रसाद’, ‘परमबीर सिंह’, ‘देवेन भारती’ और ‘के वेंकटेशन’ पर ड्यूटी से हटाये जाने का आरोप लगाये गए थे ! अर्नब गोस्वामी को घर से सुबह सुबह अर्रेस्ट करने एक और एनकाउंटर स्पेसलिस्ट ‘सचिन वेज’ को भेजा गया (जिनको हिरासत में मौत के मामले में बर्खास्त किया गया था) और उसे शिवसेना में सदस्य बनाकर परमबीर के मांग पर उनको तैनात कर दिया गया ! ‘हिंदू आतंकवाद’ के गढ़ने वाले नेताओं के क़रीबी कहे जाने वाले परमबीर पर महिला ‘शाध्वी प्रज्ञा’ को प्रताड़ित करने का भी आरोप है जिसको हाली ने भी महिला ‘शाध्वी प्रज्ञा’ ने टीवी चैनल पर भी काबुल किया है ! [2]
आत्महत्या करने वाली की बेटी की फोटो भी हुई वायरल
दिनांक 05 May 2018 को नाईक ने आत्महत्या की ! दिनांक 16 Apr 2019 को महाराष्ट्र पुलिस की जांच के बाद, नायर परिवार के द्वारा सबूत के ना दे पाने के साथ रिपोर्ट पर कोर्ट ने केस को बंद कर दिया ! दिनांक 04 May 2019 (15 दिन बाद) की एक फोटो में उनकी पत्नी अक्षता नाइक एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार से मिलती जिसमे बड़ी खुश दिखाई देती है ! फिर दिनांक 24 May 2019 (20दिन बाद) को बड़ी खुशी के साथ फिर पुणे में शरद पवार के परिवार के साथ मिलती ! फिर एक फोटो दिनांक 24 Nov 2019 के पहले की जिसमे पवार की फैमिली के वही सदस्य जो दूसरी फोटो में दिखाई दी थी, के साथ ‘अबू धाबी’ के 'एतिहाद टावर' में एक शेख के साथ बड़ी खुश दिखाई दे रही है ! जो मामला महाराष्ट्र पुलिस और कोर्ट ने खुद बंद कर दिया था ! वह बंद होने के एक साल बाद, पहले कांग्रेस के नेताओं द्वारा उठाने के बाद, फिर शरद पवार की परिवार से लेकर लगातार मिलने और विदेश जाने तक एक प्रश्न चिन्ह लगाते है लेकिन बेटी ने अपना अकाउंट पर अब पाबंदी लगा ली है जिससे कोई और ना देख पाए !
A farmer from Osmanabad committed suicide and his suicide note accused @ShivSena MP Omraje Nimbalkar.
— Jiten Gajaria (@jitengajaria) November 5, 2020
His family asking @OfficeofUT for giving them justice and arrest the accused. Will CM act unbiased and arrest his MP like he did with #ArnabGoswami pic.twitter.com/ignnqQmRtC
किसान परिवार का शिवसेना नेता पर आरोप
दिनांक 06 Nov 2020 की रिपोर्ट, सन 2019 को महाराष्ट्र में ओसमानाबाद के एक 59 वर्षीय किसान ‘दिलीप धावले’ ने आत्महत्या करली थी जिसने दो ‘सुइसाइड नोट’ में से एक नोट में शिवसेना संसद ‘ओमप्रकाश राजे निम्बालकर’ पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया था ! मृतक किसान के परिवार ने फिर से मांग की है की जिस तत्परता से मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के खिलाफ करवाई कर रही है, उसी तरह से उन्हें भी न्याय दिलाया जाए जिसमे शिवसेना नेता के साथ अन्य 56 आरोपी के नाम धोखाधड़ी और उकसाने के आरोप लगे थे जिसमे ज़मीन को लेकर विवाद था ! [3]
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संदर्भ
[1] हंसा रिसर्च ने मुंबई पुलिस के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल