WHO praised Aarogya Setu, Shia Muslim Rizvi About Madarsa,
केस १ : पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने मदरसे को बंद करने की वकालत
दिनांक 14 Oct 2020 को ‘टाइम्स नाओ’ में एक चर्चा ‘असाम सरकार द्वारा लिए गए मदरसे को बंद करने के एक निर्णय’ पर, जिसमे यूपी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने एक बार फिर से मदरसों को बंद करने पर वकालत की साथ में असम द्वारा लिए फैसले का स्वागत भी किया है जिसमे उन्होंने कहा, मदरसों से आतंकियों के पैसे लगते है, तत्काल प्रभाव से मदरसों को बंद कर देना चाहिए. इससे दूसरे धर्म के प्रति नफरत भी खत्म हो जायेगी !
पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने आगे कहा, जब तक सब धर्म के बच्चे एक साथ बैठकर नहीं पड़ेंगे तब तक कट्टरपंथी मानसिकता, इस्लाम के गलत प्रचार और दूसरे धर्मों से नफरत खत्म नहीं होगी, मदरसे पूरी तरह से बंद होने चाहिए और उन्हें स्कूलों में कन्वर्ट कर देना चाहिए, हर धर्म का सम्मान होना चाहिए !
It is a good step. Every religion should be respected and all Madrassas should be shut: Wasim Rizvi, Shia Waqf Board Chief. | #BJPMadrassaConversion pic.twitter.com/r5ujhnrxbE
— TIMES NOW (@TimesNow) October 14, 2020
पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने आगे कहा, मदरसों के सिलेबस दुकानों पर क्यूँ नहीं मिलते? एक धर्म के लोगो को ये लोग क्या पढाते है? क्या ऐसा करते है? हिंदुस्तान में लोगों को जब ये पढ़ाएँगे कि सिर्फ तुम अल्लाह के नेक बंदे हो और तुम्हारे अलावा कोई सही नहीं है, जितने धर्म अल्लाह को नहीं मानते हैं, इस्लाम को नहीं मानते हैं, वो काफिर हैं, उनसे जिहाद करो। उनको मार दो, अगर बच्चों को ये एकतरफ़ा पढ़ाया जाएगा, तो आप बताइए, बच्चा बड़ा होकर क्या बनेगा । [1]
आपको बता दे, पिछले महीने यूपी शिया बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिज़वी ने प्रधानमंत्री को कई धार्मिक स्थानों की सूची भेजने के साथ पत्र लिख कर मांग कि थी कि ‘प्लेसेस ऑफ वरशिप (Place Of Worship) 1991’ को समाप्त कर देना चाहिए साथ में 90 की दशक में कांग्रेस ने कट्टरपंथी संगठनों को खुश करने के लिए यह एक्ट बनाया था लेकिन अब हिन्दुओ की धार्मिक सम्पत्ति (मथुरा जन्म भूमि, काशी विश्वनाथ मंदिर, कुतुबमीनार, और भी) उनको वापस सौंपी जानी चाहिए तब असली न्याय होगा जिन्हें मुग़लों ने हिन्दुओ की प्राचीन मंदिरों को तोड़कर बनाई थी ! [2]
केस २ : डब्लूएचओ ने सरकारी ऐप आरोग्य सेतु को सराहा
दिनांक 14 Oct 2020 को डब्लूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के चीनी समर्थक महानिर्देशक ‘तेद्रोड़ एड्नाम’ ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा की “भारत के आरोग्य सेतु मोबाइल एप्लिकेसन को 15 करोड़ उपयोगकर्ताओ द्वारा डाउनलोड किया गया है, और शहरो के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभागों को ऐसे क्षेत्रो की पहचान करने में मदद मिली है, जहाँ कलस्टरो का अनुमान लगाया जा सकता है और लक्षित तरीके से परीक्षण का विस्तार किया जा सकता है !”
इस ऐप को सरकार ने अप्रैल में कोरोना के बीच नागरिकों की सुरक्षा के लिए लॉन्च किया था ! यह उपयोगकर्ताओ को उनके आसपास कोरोना संक्रमित के किसी भी सभावित जोखिम, स्वस्थ रहने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं और महामारी से संबंधित चिकित्सा सलाह के बारे में सूचित करने के लिए डिजाइन किया गया था ! इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री, संजय क्षेत्रो ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा, ऐप ने सभी पहलुओं में "अत्यंत पारदर्शिता" बनाए रखी है ! उन्होंने कहा कि उपयोगकर्ताओं के डाटा की गोपनीयता और सुरक्षा की सुरक्षा के लिए आरोग्य सेतु सुरक्षा सुविधाओं से लैस है ! [3]
संदर्भ
[1] पूर्व चेयरमैन वसीम रिज़वी का मदरसों पर बयान
[2] वरशिप एक्ट खत्म करने की मांग
[3] डब्लूएचओ ने सराहा आरोग्य सेतु ऐप को